सही मार्गदर्शन और दृढ़ संकल्प से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। कुछ ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है दिल्ली के रोहिणी निवासी 13 वर्षीय शतरंज खिलाड़ी रौश जैन की। महज तीन साल की उम्र में जब उनकी माता शिल्पा जैन ने उनके शतरंज के प्रति झुकाव को पहचाना तो उन्होंने रोश को ‘ब्रेन गेम शतरंज अकादमी’ में चंदन मंडल के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण दिलाना शुरू कर दिया।
आज रौश ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 9 से 10 पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। रोश 8वीं कक्षा का छात्र है। पढ़ाई के साथ साथ वह अभ्यास में 6 से 7 घंटे देते है। उनकी मेहनत और लगन से उनके आस पड़ोस के लोग भी काफी प्रभावित है। वर्तमान में यह खिलाड़ी शतरंज कोच सावित्री जोशी और करुण दुग्ग्ल के नेतृत्व में अपने खेल को आगे बढ़ा रहा है।
राष्ट्रीय स्कूल शतरंज चैंपियन (अंडर-15) 13 वर्ष की उम्र में पेड्डापुरम, आंध्र प्रदेश में खिताब जीता (जनवरी 2025), एसजीएफआई दिल्ली राज्य चैंपियन (अंडर-17) 68वें एसजीएफआई राष्ट्रीय स्कूल खेलों में व्यक्तिगत और टीम स्वर्ण पदक जीते (नवंबर 2024), राष्ट्रीय स्कूल शतरंज चैंपियन (अंडर-7) 2018 में भुवनेश्वर में खिताब अपने नाम किया। कामनवेल्थ शतरंज चैंपियनशिप 2018 (अंडर-8) में रजत पदक।