इंडियन प्रीमियर लीग के पिछले सीजन तक दिल्ली कैपिटल्स की टीम का हिस्सा रहे आवेश खान अब नई फ्रेंचाइजी टीम लखनऊ सुपर जायंट्स की तरफ से खेलेंगे। अपनी गेंदबाजी के इस खिलाड़ी ने सबको प्रभावित किया और यही वजह है कि उनको मेगा आक्शन में उंची बोली मिली। आवेश ने दिल्ली के साथ बिताए पल को साझा किया और साथ ही यह भी बताया कि कैसे कोच रिकी पोंटिंग और कप्तान रिषभ ने उनका मनोबल बढ़ाया।
आवेश ने कहा, “काफी अच्छा रहा था मेरा 2021 का आइपीएल क्योंकि मैं टूर्नामेंट में दूसरा सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला गेंदबाज रहा था उसके पहले भी मैं तीन साल से दिल्ली की टीम के साथ था लेकिन इतने मौके नहीं मिले थे। पिछले दो सालों में मैं दो ही मैच खेला था तो अपना टैलेंट इतना ज्यादा दिखा नहीं पाया था। लेकिन पिछले साल जैसे कि शुरू के दो मैच के लिए रबादा और नार्खिया उपलब्ध नहीं थे। इशांत भाई को हल्की इंजरी थी तो वो भी उपलब्ध नहीं थे।”
“मेरे पास अच्छा मौका था क्योंकि तीन साल से मैं दिल्ली के साथ था। रिकी पोंटिंग ने मेरे उपर भरोसा जताया खासकर रिषभ ने मुझे काफी ज्यादा साथ दिया। मुझे रिषभ ने बोला था कि देख तेरे पास दो मैच है अपने आप को साबित करने के लिए, उसके बाद तुमको खुद अपनी जगह बनानी है। मैंने जो मेहनत की थी उसपर मुझे पूरा भरोसा था, मैं करूंगा और अच्छा अपनी जगह बनाउंगा टीम में, सारे मैच खेलूंगा और अपने प्रदर्शन से टीम को जीत दिलाउंगा। मुझे बस वही एक मौका चाहिए था खुद को साबित करने के लिए।”
“अगर आप किसी भी टीम के लिए पहले मैच से खेलते हैं तो उसके मुख्य खिलाड़ी रहते हैं। आइपीएल जैसे टूर्नामेंट में मुझे पहले मुकाबले से खेलने का मौका मिला था तो मेरे पास अच्छा चांस था अपने आप को साबित करने के लिए। पहले ही मैच में मैंने फाफ डु प्लेसिस और माही भाई को आउट किया तो काफी आत्मविश्वास भी बढ़ा। उसके बाद मैंने वही प्रदर्शन हर मैच में लगातार बनाए रखा। मैं में खुद को बेहतर बनाने की कोशिश की गलतियों को सुधारने की तरफ ध्यान दिया।”
“मैच के दिन रिकी सर ने मेरे दोनों कंधों पर हाथ रखकर बोला, अब यह तुम्हारा वक्त है, तुमको अपने आप को साबित करना है क्योंकि दिल्ली के साथ तुम पिछले चार सालों से हो। रिकी सर ने हमेशा ही मेरा उत्साह बढ़ाया ऐसा नहीं था कि मैं गेंदबाजी नहीं कर रहा तो मेरे उपर ध्यान नहीं दिया। वो हमेशा ही कहते थे तुम भारत के लिए खेलोगे, जो मौका मिले उसके लिए तैयार रहना। मैं जो 12 या 13 खिलाड़ी होते हैं उनमें रहता था लेकिन प्लेइंग इलेवन में नहीं होता था। लेकिन पिछले साल पहले ही मैच से प्लेइंग इलेवन में जगह मिली और मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरा।”