मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने ममता बनर्जी द्वारा विपक्षी दलों की दिल्ली में बुलाई गई बैठक को एकतरफा बताया है। उन्होंने कहा, इस तरह के एकतरफा प्रयासों का उल्टा असर होगा और यह विपक्षी एकता को नुकसान ही पहुंचाएगा।
दरअसल, 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सभी विपक्षी दलों में गहमागहमी तेज हो गई है। इसी क्रम में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी विपक्षी दलों को पत्र लिखकर उनसे 15 जून को प्रस्तावित बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया है, जिससे राष्ट्रपति चुनावों के लिए विपक्षी दल एक रणनीति तैयार कर सकें। सीताराम येचुरी ने कहा कि आम तौर पर ऐसी बैठकें आपसी विचार-विमर्श के बाद ही बुलाई जाती हैं।
येचुरी ने कहा है कि, अभी विचार किया ही जा रहा था कि एक समय और एक नई तारीख तय कर दी गई। ममता बनर्जी की यह कार्रवाई एकतरफा है और बेहद असामान्य है। ऐसे फैसले विपक्षी एकता को नुकसान ही पहुंचाएंगे। सीताराम येचुरी के अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा ने भी ममता बनर्जी को तगड़ा झटका दिया है। उन्होंने कहा, बिना कोई पूर्व परामर्श के इस तरह बैठक बुलाना सही नहीं है। इसलिए ऐसा कोई कदम न उठाया जाए, जिससे भ्रम और गलतफहमी पैदा हो।
विपक्षी नेता ममता बनर्जी के इस कदम से खुश नहीं हैं। विपक्षी नेताओं का मानना है कि ममता बनर्जी वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर खुद को भाजपा के सामने एक चेहरे के तौर पर पेश करना चाहती हैं। वहीं, कुछ नेताओं का कहना है कि ममता बनर्जी द्वारा उठाया गया यह कदम विपक्ष में दरार पैदाकर भाजपा की मदद कर रहा है।ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई बैठक पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, हमें 15 जून की बैठक का निमंत्रण मिला है। हम उस समय अयोध्या में होंगे। इसलिए हमारी पार्टी के एक प्रमुख नेता बैठक में भाग लेंगे। वहीं, जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे इस बैठक में भाग ले सकते हैं।