AKTU के पूर्व कुलपति प्रो.विनय पाठक के खिलाफ एक नई जांच कमेटी गठित की गई हैं। UGC और पीएमओ से की गई शिकायत के आधार पर हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश की अगुवाई में 4 सदस्यों की कमेटी जांच करेगी।
मंगलवार को AKTU के कुलपति प्रो.प्रदीप कुमार मिश्रा ने आदेश जारी करते हुए समिति का गठन कर दिया हैं।बीते दिनों राजभवन की ओर से प्रो. प्रदीप कुमार मिश्रा के खिलाफ जांच के लिए बनाई गई कमेटी से जोड़कर आज के इस एक्शन को देखा जा रहा हैं। इससे पहले मौजूदा कुलपति ने विनय पाठक के करीबी IET के निदेशक प्रो.विनीत कंसल और पूर्व परीक्षा नियंत्रक अनुराग त्रिपाठी को अनियमितता के आरोप में हटा दिया था। इसके बाद इन दिनों लोगों ने प्रोफेसर पीके मिश्रा की शिकायत राजभवन में की थी। जिसके बाद कुलाधिपति ने इस पूरे मामले की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाया था
AKTU प्रशासन ने 21 नवंबर 2022 को विश्वविद्यालय आयोग की ओर से उत्तर प्रदेश राज्य सरकार को प्रेषित एक शिकायती पत्र की जांच के लिए 4 सदस्य कमेटी का गठन किया गया हैं। विश्वविद्यालय ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस प्रमोद कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया हैं। इसमें सदस्य के तौर पर सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश संजय, आरईसी सोनभद्र के निदेशक जीएस तोमर और सहायक कुलसचिव रंजीत सिंह प्रस्तुता अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है।
एकेटीयू के कुलपति प्रो. मिश्रा की ओर से बनाई गई कमेटी प्रोफेसर विनय पाठक पर लगे 14 गंभीर आरोपों की जांच करेगी. इस विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले सभी सूचनाओं के साथ ही कार्य परिषद व वित्त समिति के किए गए सभी निर्णयों की जांच शामिल है. इसके अलावा गठित की गई कमेटी विश्वविद्यालयों में हुए सभी भर्तियों की जांच, ई-कंसोर्सियम की जांचस पीएनबी हाउसिंग में 700 करोड़ रुपए और 1000 करोड़ रुपए का गलत निवेश, परीक्षा के गोपनीय कार्यों में 100 करोड़ का गलत निवेश, डीडीक्यूआईपी मैं 300 करोड़ का फर्जी भुगतान, गोल्ड बॉन्ड में निवेश, प्लेगेरिज्म फर्जी पीएचडी, फर्जी पेपर, फर्जी विनियमितीकरण, आगरा और एकेटीयू की कार्यपरिषद में नामित प्रक्रिया की जांच, डॉक्टर विनीत कंसल और डॉ. अनुराग त्रिपाठी की प्रोफेसर पद पर फर्जी नियुक्ति, फर्जी बायोडाटा तैयार करना तथा निर्माण कार्यों का फर्जी तरीके से भुगतान करना जैसे गंभीर अनियमितता की जांच कर कुलपति को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे.
दरअसल कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक पर परीक्षा संबंधित कामों में कमीशनबाजी और अनियमितता के आरोप में पहले से ही STF की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। बाद शासन ने इस पूरे मामले की जांच CBI को सौंप दी थी। इस बीच AKTU प्रशासन की तरफ से उठाए गए इस कदम से राजभवन की तरफ से जल्द ही बड़े एक्शन की आशंका हैं।