श्रीलंका ने बाहर से आने वालों पर लगायी गयी अस्थायी यात्रा पाबंदी को एक जून से हटाने की बुधवार को घोषणा की. हालांकि उन यात्रियों को यह छूट प्राप्त नहीं होगी जो पिछले 14 दिनों के दौरान भारत मे रहे हैं. देश में पहुंचने वाली सभी उड़ानों में अधिकतम 75 यात्री सीमा तय कर दी गयी है और उन्हें 14 दिनों के पृथक-वास से गुजरना होगा. नागर विमानन कार्यालय ने एक बयान में कहा, ” भारत यात्रा की पृष्ठभूमिक वाले किसी भी यात्री , जो पिछले 14 दिनों में पारगमन के तहत वहां रहे हो, को नहीं आने दिया जाएगा.”
विदेशी नागरिकों, समुद्री नाविकों/यात्रियों, व्यापारियों, निवेशकों एवं अन्य को प्रवेश वीजा के साथ ही देश में कदम रखने के लिए विदेश मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी. एयरलाइन या देश की जरूरत के हिसाब से यात्रा पर रवाना होने से पहले सभी श्रेणी के यात्रियों के लिए निगेटिव पीसीआर जांच प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य होगा. सभी यात्रियों को पृथक-वास के लिए भुगतान करना होगा.
कोलंबो हवाई अड्डा पश्चिम एशिया जाने वाले भारतीयों के लिए पारगमन केंद्र के रूप में काम कर रहा है लेकिन कोविड-19 महामारी तेज होने के कारण मई के प्रारंभ में यह सुविधा वापस ले ली गयी.
बता दें कि श्रीलंका से पहले ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), आस्ट्रेलिया, सिंगापुर समेत कई देश भारत से आने वाले यात्रियों पर पहले ही पाबंदी लगा चुके हैं.