रेशमा फिल्म शोले में हेमा मालिनी की बॉडी डबल बनी थीं।

आज हम देश की पहली स्टंट वुमन रेशमा पठान की कहानी जानेंगे। इन पर द शोले गर्ल नाम से फिल्म भी बन चुकी है। रेशमा फिल्म शोले में हेमा मालिनी की बॉडी डबल बनी थीं।
रेशमा अपने करियर में हेमा मालिनी, वहीदा रहमान, शर्मिला टैगोर, रेखा, मौसमी चटर्जी, नीतू कपूर, मीना कुमारी और मुमताज जैसी बड़ी एक्ट्रेसेज की बॉडी डबल बन चुकी हैं। शोले की शूटिंग के दौरान हेमा उन्हें अपने बगल में बिठाकर खाना खिलाती थीं। इन सभी एक्ट्रेस के साथ रेशमा के संबंध काफी अच्छे रहे हैं। रेखा भी रेशमा को बहुत मानती थीं।
रेशमा ने 70 के दशक में फिल्मों में स्टंट करना शुरू किया था। उस वक्त स्टंट आर्टिस्ट काम कैसे करते थे, उन्हें पैसे कितने मिलते थे। उन्हें किन-किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। फीमेल स्टंट आर्टिस्ट के साथ लोगों का रवैया क्या रहता था? दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में रेशमा पठान ने इन सारे पॉइंट्स पर विस्तार से बात की है।
आपके समय में स्टंट आर्टिस्ट को किन-किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। रेशमा ने कहा, ‘बहुत चोटें लगती थीं। जमीन पर पड़े कंकड़-पत्थर को एक तरफ कर दिया जाता था। इसके बाद ठोस जमीन पर ही गिरना पड़ता था। ऊंचाई वाले सीन में नीचे कुछ लोग नेट पकड़ कर खड़े हो जाते थे, फिर स्टंट आर्टिस्ट ऊपर से छलांग लगाता था।
हमारा शरीर हमेशा जख्मी ही रहता था। लेकिन हम कुछ कर भी नहीं सकते थे। अगर नखरे करते तो हमें काम कौन देता। हमारा काम ही स्टंट करना था। इसमें चोट लगना लाजमी है।
रेशमा ने कहा कि उन्हें एक बार उन्हें ऐसी चोट लग गई थी कि वो सही से फ्रेश भी नहीं हो पा रही थीं। एक आदमी उन्हें उठाता-बिठाता था। रेशमा ने कहा, ‘हमारे समय में स्टंट आर्टिस्ट को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
मेल स्टंट आर्टिस्ट तो किसी तरह अपना काम चला लेते थे, लेकिन फीमेल्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। फ्रेश होने के लिए झाड़ियों में जाना पड़ता था। उस वक्त वैनिटी वैन की भी सुविधा नहीं थी। कपड़े भी पेड़ के किनारे चेंज करने पड़ते थे। झाड़ियों में कीड़े-मकोड़े रहते थे, उनसे भी निपटना पड़ता था।’
रेशमा एक बार सुभाष घई पर काफी ज्यादा भड़क गई थीं। दरअसल सुभाष घई फिल्म कर्ज की शूटिंग कर रहे थे। ट्रक से एक्सीडेंट का सीन दिखाना था। रेशमा फिल्म की एक्ट्रेस की बॉडी डबल थीं।
सुभाष घई ने ड्राइवर को बताया कि जब ट्रक रेशमा के नजदीक आए तो वो इशारा करेंगे। इशारा देख कर समझ जाना कि ट्रक रोकना है। शॉट शुरू हो गया, लेकिन सुभाष घई ने इशारा नहीं किया। ट्रक ड्राइवर ने गाड़ी नहीं रोकी और रेशमा को टक्कर मार दिया। रेशमा काफी दूर तक जा गिरीं। उनके कमर में गहरी चोट आई। उन्होंने सबके सामने सुभाष घई पर चिल्ला दिया। काफी दिनों तक रेशमा उस कमर के चोट से जूझती रही थीं।
रेशमा ने कहा कि वो अभिषेक बच्चन, श्वेता बच्चन, सैफ अली खान और ईशा देओल जैसे स्टार्स को अपनी गोद में खिला चुकी हैं। ये सभी लोग बचपन में सेट पर आते थे। रेशमा ने कहा, ‘मेरे पास उस वक्त कैमरा नहीं था, वरना मैं आपको ऐसे-ऐसे फोटोज दिखाती कि आपको विश्वास नहीं होता। मैंने मुमताज जी के लिए भी काम किया है।
कैमरे के अभाव में मेरी उनके साथ तस्वीर नहीं आ पाई। मर्द की शूटिंग के वक्त अभिषेक बच्चन सेट पर आते थे। पाप और पुण्य के शूट पर शर्मिला टैगोर बेटे सैफ को लेकर आती थीं। मैं इन सभी को अपनी गोद में खिलाती थी।’
रेशमा ने कहा कि उन्होंने आस-पास कई स्टार्स के अफेयर देखे। वो चाहतीं तो उनका नाम भी किसी न किसी स्टार्स से जुड़ सकता था। हालांकि उन्हें यह सब करना ही नहीं था। उन्होंने कहा, ‘मैंने जिससे प्यार किया, उसी से शादी की। कई लोग मेरे पास लव प्रपोजल लेकर आते थे, लेकिन मैं मना कर देती थी।’
रेशमा पठान ने रोजा रखते हुए फिल्म पाप और पुण्य की शूटिंग की थी। रेगिस्तान में शूटिंग चल रही थी। रेशमा ऊंट पर बैठ कर सीक्वेंस फिल्मा रही थीं। गर्मी इतनी थी कि लोग हर 10 मिनट में पानी पी रहे थे।
फिल्म के लीड एक्टर शशि कपूर भी वही मौजूद थे। रेशमा ऊंट से नीचे गिर गईं और सीधे रेत पर जा गिरीं। उनका चेहरा पूरा जल गया। शशि कपूर ने पानी पीने को कहा। रेशमा ने रोजा की बात कहते हुए पानी पीने से मना कर दिया।
शशि कपूर नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि कल से अगर तुमने रोजा रखा तो तुम्हें जबरदस्ती कुछ खिला दूंगा। हालांकि रेशमा ने रोजा रखना जारी रखा और पूरे रमजान में उसी भयंकर गर्मी में स्टंट शूट किया।
‘मैं बहुत अच्छी फैमिली से थी। मजबूरियों ने हमें यहां लाकर खड़ा कर दिया था। मेरी मम्मी पूरी पर्दादार (हमेशा पर्दे में रहने वाली महिलाएं) थीं। पिताजी को मानसिक बीमारी हो गई थी। पैरालाइज भी हो गए थे, इसकी वजह से वो कुछ कर नहीं पा रहे थे। घर में कमाने वाला कोई नहीं था। 70 के दशक की बात है, उस वक्त मुंबई में बासमती चावल ब्लैक में मिलता था। मम्मी के साथ मैं और छोटी बहन गांवों में जाकर सस्ते दामों पर चावल खरीदते थे, फिर इसे ब्लैक में बेचते थे। हम लोग चावल को कभी कपड़े में तो कभी जैकेट में छिपाकर लाते थे। इससे हमारा पेट पल जाता था।
एक बार पुलिस वाले ने मम्मी को जेल में डाल दिया था। मैं काफी देर तक पुलिस स्टेशन के बाहर बैठी रही। आखिरकार पुलिस वाले को मुझ पर दया आ गई। तब जाकर उसने मेरी मां को छोड़ दिया।’
रेशमा पठान ने कहा कि उन्हें बचपन से करतब दिखाना बहुत पसंद था। वो कभी टैक्सी पर चढ़ जाया करती थीं तो कभी टैक्सी से नीचे छलांग लगा देती थीं। सीढ़ियों से भी कूद जाती थीं। ऐसा करते-करते रेशमा मदारी दिखाने लगीं। इससे थोड़े पैसे आ जाते थे।
रेशमा ने कहा, ‘मैं बहुत ऊंचाई से कूदा करती थी। इसमें जोखिम बहुत था, लेकिन मुझे अपने पीछे अपनी मां और भाई-बहनों का पेट पालना था। एक दिन मैं करतब दिखा रही थी कि रास्ते से फेमस स्टंट डायरेक्टर अजीम शेख गुजरे।
मुझे हैरतअंगेज कारनामे देख वो बहुत खुश हुए। वो समझ गए कि लड़की में हिम्मत है। उस जमाने में लड़कियां स्टंट नहीं करती थीं। लड़के ही लड़कियों के कपड़े पहनकर स्टंट करते थे। अजीम अंकल ने सोचा कि ये लड़की सड़कों पर इतनी मेहनत कर रही है, तो इंडस्ट्री में कितना अच्छा काम करेगी।
अजीम अंकल ने मुझे दो रुपए दिए। दो रुपए उस जमाने में बहुत थे। मैंने कहा कि मेरे पास छुट्टे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बेटी पूरे पैसे रख लो, बस अपना एड्रेस दे दो। अजीम अंकल अगले दिन पिताजी के पास आए। उन्होंने कहा कि तुम्हारी बेटी के अंदर टैलेंट बहुत है। वो चाहे तो फिल्मों में एक्ट्रेस की बॉडी डबल बन सकती है।
फिल्मों का नाम सुनते ही पिताजी ने मना कर दिया। उस जमाने में कहा जाता था कि सभ्य घराने के बच्चे फिल्मी लाइन में नहीं जाते हैं। जाते-जाते अजीम अंकल ने एक कॉर्ड दे दिया। अगले दिन पिताजी की नजरों से छिपकर मैं उनके पास गई। वहां पता चला कि आशा पारेख की डुप्लिकेट खोजी जा रही है।’
स्टंट एसोसिएशन की मेंबर बनने के बाद रेशमा के पास फिल्मों की लाइन लग गई। उन्हें हिंदी, मराठी, मलयालम, गुजराती और भोजपुरी फिल्मों में बॉडी डबल का रोल मिलने लगा। रेशमा वड़ोदरा में एक गुजराती फिल्म की शूटिंग कर रही थीं। तभी उनके पास शोले फिल्म के लिए हेमा मालिनी का बॉडी डबल बनने का ऑफर आया।
उन्हें फिल्म में तांगा चलाना था। रेशमा ने बचपन में घोड़ा गाड़ी चलाई थी, लेकिन उन्हें तांगा चलाने नहीं आता था। उनका एक टेस्ट हुआ, जिसमें वो सफल हुईं। इसके बाद उन्हें शोले की शूटिंग के लिए बेंगलुरु भेज दिया गया। जिस सीन में हेमा मालिनी भाग कर तांगे पर चढ़ती हैं, असल में वो सीन रेशमा पठान पर फिल्माया गया था। रेशमा को इसी वजह से शोले गर्ल के नाम से जाना जाता है।आपको जानकर हैरानी होगी कि रेशमा 70 साल की हैं, लेकिन इस उम्र में भी वो एक्शन सीक्वेंस करती हैं। अजय देवगन की फिल्म गोलमाल अगेन में उनका एक छोटा सा रोल भी था। फिल्म के एक सीक्वेंस में विलेन प्रकाश राज को रेशमा को धक्का मारना था।
इस बारे में रेशमा ने कहा, ‘प्रकाश राज मेरी उम्र को देख कर झिझक रहे थे। उन्होंने कहा, ‘मांजी, आपको मैं धीरे से टच करूंगा, आप बस गिर जाना।
मैंने प्रकाश राज से कहा कि आप बेफिक्र होकर मुझे धक्का मारिए, सीन ओरिजिनल लगना चाहिए।
उन्होंने मुझे धक्का मारा, मैं उड़ते हुए दूर जा गिरी। प्रकाश राज ने कहा कि मैं आपको हल्के में ले रहा था, लेकिन आप तो इस उम्र में भी काफी पावरफुल हैं। शॉट कंप्लीट होने के बाद रोहित शेट्टी ने मुझे गले लगा लिया।’
रेशमा के लाइफ पर बनने वाली फिल्म का टाइटल है, द शोले गर्ल। रेशमा ने अपनी फिल्म के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, ‘रात के ढाई बजे मेरे पास प्रोड्यूसर श्राबनी देवधर का फोन आया था। उन्होंने मुझे मिलने बुलाया। अगले दिन मैं उनसे मिली।
श्राबनी देवधर ने कहा कि वो मेरी लाइफ में फिल्म बनाना चाहती हैं। मैंने कहा कि फिल्म बनाइए, लेकिन मेरी एक शर्त है। जितने दिन शूटिंग होगी, मैं सेट पर मौजूद रहूंगी। मुझे देखना है कि मेरा किरदार निभानी वाली आर्टिस्ट कहीं गलत तरीके से तो एक्ट नहीं कर रही है। अंत में मेरा भी फिल्म में गेस्ट अपीयरेंस था।’