हाई कोर्ट से बागी विधायकों को राहत, सचिन पायलट ने मलिंगा को भेजा नोटिस

राजस्थान में जारी सियासी रार के बीच पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा को कानूनी नोटिस भेजा है। मलिंगा ने सोमवार को जयपुर में मीडिया कर्मियों से कहा था कि सचिन पायलट ने भाजपा में जाने के लिए 35 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था। पायलट ने यह पेशकश दो बार की, लेकिन मैंने मना कर दिया। मलिंगा के मुताबिक उन्होंने कहा था कि वह भाजपा में नहीं जाएंगे। इस पर मंगलवार को पायलट ने मलिंगा को कानूनी नोटिस भेजा है। पायलट का कहना है कि मलिंगा ने असत्य बात कही है। मलिंगा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे के हैं

इससे पहले आज दिन में राजस्थान हाई कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से सचिन पायलट समेत 19 विधायकों को जारी कारण बताओ नोटिस पर मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि फैसला 24 जुलाई को सुनाया जाएगा। तब तक विधानसभा अध्यक्ष कोई कार्रवाई नहीं करें। इसे पायलट खेमे के लिए राहत माना जा रहा है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों ने खूब जिरह की। सचिन पायलट खेमे की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने पैरवी की, तो स्पीकर की तरफ से कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषषेक मनु सिंघवी ने दलीलें रखीं।

साल्वे का कहना था कि स्पीकर ने विधायकों को जवाब देने के लिए तीन दिन का ही समय दिया, जबकि सात दिन दिया जाना चाहिए था। आखिर वे इतनी जल्दी में क्यों थे? नोटिस जारी करने के लिए कोई ठोस कारण नहीं है। इसमें वही सब लिखा गया जो शिकायतकर्ता की शिकायत में था। उन्होंने कहा कि दलबदल कानून इसलिए बनाया गया था, जिससे कोई पार्टी नहीं बदल सके। हाईकोर्ट की शक्तियों पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता। कोर्ट इस मामले में सुनने का अधिकार है। अब तक बसपा के विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर ही कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, अभिषषेक मनु सिंघवी ने स्पीकर का पक्ष रखते हुए कहा कि इस मामले में कोर्ट को दखल देने की जरूरत नहीं है, इस याचिका को खारिज किया जाना चाहिए। सिंघवी ने तर्क दिया कि अभिव्यक्ति के अधिकार का मलतब कुछ भी करने की स्वतंत्रता नहीं है। संविधान ने विधानसभा संचालन का अधिकार स्पीकर को दिया है। यह नियम संविधान का हिस्सा है कि स्पीकर के पास विधायकों को अयोग्य घोषित करने का अधिकार है

हाई कोर्ट के फैसले के बाद स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने वरिष्ठ वकीलों से चर्चा के बाद नोटिस का जवाब देने का समय 24 जुलाई तक बढ़ा दिया। पहले मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे तक जवाब देने का समय दिया था। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे व प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी डॉ. जोशी से विधानसभा में मुलाकात की।