दिल्ली सरकार ने दिल्ली में रह रहे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के जरूरतमंदों को बड़ी राहत दी है। बगैर राशन कार्ड वाले जरूरतमंद लोगों को आगे भी मुफ्त राशन मिलता रहेगा। सरकार ने कोरोना के दौरान लॉकडाउन के चलते प्रभावित हुए प्रवासी श्रमिकों, असंगठित श्रमिकों, भवन निर्माण श्रमिकों व घरेलू नौकरों, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें राहत देने के लिए गत 25 मई को मुफ्त राशन देने का निर्णय लिया था। अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक में इसे आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया गया है।
दिल्ली कैबिनेट के इस फैसले से करीब 40 लाख गैर-पीडीएस लाभार्थी लाभान्वित होंगे। इसके तहत प्रति व्यक्ति प्रति माह 4 किलो गेहूं और एक किलो चावल दिया जाता है। कैबिनेट ने खाद्यान्न खरीदने, वितरण और परिवहन के लिए करीब 48 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।
अब तक करीब 20 लाख लोग इस योजना से लाभान्वित हुए हैं। आगे लाभार्थियों की संख्या में और इजाफा होगा। इसके अलावा एनएफएसए के तहत नियमित आवंटन के तहत 72.78 लाख पीडीएस कार्ड धारकों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।
बता दें कि गैर-पीडीएस लाभार्थी के लिए भारतीय खाद्य निगम से खाद्यान्न की खरीद की गई और दिल्ली में 282 चिन्हित वितरण केंद्रों, जिसमें शिक्षा विभाग के स्कूलों, तीनों नगर निगमों और एनडीएमसी के जरिए जरूरतमंदों को गत 5 जून से वितरित किया जा रहा है।
लाभार्थियों को राशन वितरित करने के लिए स्कूल अधिकारियों को दिल्ली रिलीफ नामक सॉफ्टवेयर लिंक के लिए लॉगिन आईडी और पासवर्ड प्रदान किया गया है। दिल्ली में रहने वाले गैर- पीडीएस गरीबों की संख्या बढ़कर करीब 40 लाख हो गई है।
दिल्ली कैबिनेट ने इन 40 लाख गैर-पीडीएस लाभार्थियों को भी पीडीएस लाभार्थियों की तरह खाद्यान्न उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता दिखाई है।वहीं, स्कूल खुलने के बाद लाभार्थियों को खाद्यान्न वितरण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था तैयार की जा रही है। राशन के लिए दिल्ली सरकार राशन ई-कूपन कोरोना राहत https:///staff rationjantasamvad.org/ration/staff/home पर जाकर पंजीकरण किया जा सकता है।
राशन वितरण के दौरान सुरक्षा और कोविड प्रोटोकाल का पालन कराने के लिए हर वितरण केंद्र पर चार सिविल डिफेंस कर्मचारी तैनात रहेंगे। गैर-पीडीएस लाभार्थियों को राशन चिन्हित स्थानों के माध्यम से वितरित किया जाएगा। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में 100 स्थानों को चिन्हित किया है।
सरकार को 40 लाख गैर- पीडीएस लाभार्थियों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के लिए करीब 16 हजार मीट्रिक टन गेहूं और 4 हजार मीट्रिक टन चावल की जरूरत पड़ेगी। सरकार यह राशन भारतीय खाद्य निगम से खरीदेगी। राशन प्राप्त करने के लिए कोई आय प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं होगी।