अमेरिकी सीनेट ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 6 जनवरी को हुई हिंसा भड़काने के आरोप से बरी कर दिया है. सीनेट के इस फैसले के बाद ट्रंप के तेवर बदले नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन तो अभी शुरू हुआ है. उन्होंने बाइडेन प्रशासन पर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि एक पार्टी देश के कानून को बदला लेने के लिए हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है.
चार दिन के महाभियोग ट्रायल चलने के बाद 6 फरवरी को कैपिटल हिल में हुई हिंसा भड़काने के आरोप से ट्रंप को सीनेट ने बरी कर दिया. सीनेट में हुई वोटिंग के दौरान ट्रंप के खिलाफ 57 वोट मिले थे जबकि पक्ष में 43 वोट हुए थे. ऐसे में ट्रंप को दोषी करार देने के लिए सीनेट को दो तिहाई बहुमत यानी 67 वोटों की जरूरत थी जो नहीं मिल सकी.
सीनेट में डेमोक्रेट्स के पचास सीनेटर होने के साथ- साथ सात रिपब्लिकन सीनेटरों ने भी ट्रंप के खिलाफ वोट दिया था लेकिन फिर भी यह आंकड़ा दो तिहाई तक नहीं पहुंच सका. आरोप से बरी होने के बाद ट्रंप ने बयान जारी कर कहा कि किसी भी राष्ट्रपति को ऐसा दिन नहीं देखना पड़ा था. अमेरिका के लिए यह दुख भरा समय है कि एक पार्टी को न्याय व्यवस्था को बदनाम करने, भीड़ का उत्साह बढ़ाने, और पार्टी के खिलाफ बोलने वालों की आवाज दबाने की खुली छूट दी गई है.
उन्होंने कहा कि मैंने नियमों का हमेशा से चैंपियन की तरह पालन किया है और करता भी रहूंगा. अमेरिका के शांतिपसंद और न्याय व्यवस्था में शीर्ष पदों पर बैठे लोग दिन की बहस बिना किसी दुर्भावना के साथ पूरा करेंगे. यह हमारे देश में विच हंट का एक और अध्याय है. उन्होंने कहा कि अमेरिका में किसी भी राष्ट्रपति के साथ ऐसा नहीं हुआ था. यह मेरा साथ इसलिए हो रहा है क्योंकि 75 मिलियन लोगों ने मुझे वोट दिया था और यह इतिहास है. विरोधी इस बात को भुला नहीं पा रहे हैं. ट्रंप ने इस मौके पर वकीलों, सीनेटरों को धन्यवाद कहा.
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आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ