फार्मेसी के क्षेत्र में बढ़ रहीं संभावनाओं को देखते हुए डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में इसकी पढ़ाई की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए उप निदेशक नामित कर विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया है। जल्द ही विवि शासन व फार्मेसी काउंसिल में आवेदन भी करेगा।
कोरोना काल के बाद विद्यार्थियों का फार्मेसी में रुझान बढ़ा है। इसे देखते हुए कई विश्वविद्यालयों ने इसकी पढ़ाई शुरू की है। अब पुनर्वास में भी कवायद शुरू हो गई है। रजिस्ट्रार रोहित सिंह की ओर से जारी सूचना में कहा गया कि विवि स्ववित्तपोषित योजना में इस रोजगारपरक पाठ्यक्रम को शुरू करेगा। इसके लिए इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी की स्थापना कर उससे संबंधित कोर्स चलाने, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) से औपचारिकता पूरा करने व अन्य कामों के लिए आईटी विभाग के डॉ. दिनेश कुमार सिंह को उप निदेशक नामित किया है। वे इससे संबंधित प्रक्रिया पूरी कर आवेदन करेंगे। कुलपति प्रो. राणा कृष्णपाल सिंह ने कहा, हम अगले सत्र से बीफार्मा व डीफार्मा की पढ़ाई शुरू करने के इच्छुक हैं। जल्द इसका प्रस्ताव शासन व पीसीआई को भेजा जाएगा। एकेटीयू ने इसी साल से कैंपस में बीफार्मा की पढ़ाई शुरू की है। इसमें प्रवेश के लिए काउंसिलिंग के दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू ही हो पाई थी कि सभी 108 सीटों पर प्रवेश हो गए। पिछले साल से लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपने यहां बीफार्मा व डीफार्मा की पढ़ाई शुरू की। लगातार दूसरे साल इनकी 100 व 60 सीटों पर प्रवेश के लिए काफी मारामारी रही।