बारिश आते ही सब्जियों के रेट एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। स्थिति यह है कि एक सप्ताह पहले तक 30 से 40 रुपए किलो तक बिकने वाला टमाटर शहर के अलग – अलग इलाकों में 80 से 120 किलो तक बिक रहा है। हालांकि होल सेल मंडी में अभी भी टमाटर 40 से 50 रुपए किलो के भाव बिक रहा है। लेकिन होल सेल से लोकल बाजार में आते – आते रेट में करीब दो गुना तक की बढ़ोतरी हो रहीहै।
दरअसल, होल से लोकल मार्केट आते – आते सब्जियों के दाम काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं। इसको लेकर कोई सरकारी रोक नहीं है। स्थिति यह है कि लौकी होल सेल बाजार में 8 से 10 रुपए किलो बिक रही लेकिन लोकल में इसको सब्जी वाले 40 रुपए किलो तक बेच रहे है।
इसको लेकर होल सेल सब्जी कारोबारियों का कहना है कि वह अपने यहां रेट के लिए जिम्मेदार है। सामने वाला उसको ले जाकर किस रेट पर बेचता है इसमें उनका हस्तक्षेप नहीं होता है। दुबग्गा मंडी के कारोबारी शाहनवाज आलम बताते हैं कि अमूमन किलो पर 10 से 15 रुपए की बढ़ोतरी करके बेचा जाता था लेकिन है लेकिन पिछले कुछ सालों से अंतर काफी ज्यादा रहता है। कई बार माल कम होने की स्थिति में कुछ आढ़ती कालाबाजारी करने लगते है।
कारोबारियों का कहना बारिश होने के बाद सब्जियों के रेट पर असर पड़ेगा। बहुत ज्यादा बारिश से पैदावार पर असर पड़ता है। सब्जियों की क्वालिटी भी खराब होने लगती है। ऐसे में रेट बढ़ने लगता है। उसके बाद नवंबर के बाद सब्जियों के रेट में धीरे – धीरे कमी आती है।
कारोबारी मुकेश बताते है कि सब्जियां और अनाज पर अमूमन कोई प्राइस कंट्रोल एक्ट नहीं लगता है। इसकी वजह से इनके रेट में कई बार होल सेल और लोकल दोनों के आढ़ती मनमानी करने लगते है। प्याज, टमाटर जब कभी बहुत महंगा होता है तो जिला प्रशासन जरूर पर बड़े छापे डालना शुरू कर देता है लेकिन वह प्रक्रिया लंबे समय तक नहीं रहती है। ऐसे में इसको लेकर कोई डर भी नहीं रहता है।
होल सेल से लोकल तक सब्जियों के रेट
सब्जी होल सेल रेट लोकल बाजार रेट
टमाटर 40 रुपए/किलो 80 से 120 रुपए/किलो
लौकी 10 रुपए/किलो 40 रुपए/किलो
कद्दू 7 से 10 रुपए/किलो 30 रुपए/किलो
अदरक 145 से 160 रुपए/किलो 220 से 300 रुपए/किलो
हरी मिर्च 30 से 35 रुपए/किलो 80 रुपए/किलो
प्याज 18 से 20 रुपए/किलो 25 से 30 रुपए/किलो
आलू 11 से 18 रुपए/किलो 30 रुपए/किलो
नींबू 30 से 35 रुपए/किलो 100 रुपए/किलो
परवल 20 रुपए/किलो 80 रुपए/किलो