राजस्थान कांग्रेस का विवाद लगभग सुलझ गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दिल्ली स्थित बंगले पर राहुल गांधी के साथ अशोक गहलोत और सचिन पायलट की 4 घंटे बैठक चली। इसमें तय किया गया कि अगला विधानसभा चुनाव दोनों नेता मिलकर लड़ेंगे।
मीटिंग के बाद कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा- दोनों नेताओं के नेतृत्व में ही इस साल होने वाला राजस्थान विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा। अभी दोनों के बीच एक फेज की बातचीत होनी बाकी है।
मैराथन बैठक में पायलट मुद्दे के समाधान का क्या फॉर्मूला तय किया गया, यह अभी साफ नहीं है, लेकिन पायलट का अल्टीमेटम 30 मई को खत्म हो रहा था, ऐसे में हाईकमान ने इस मुद्दे पर निर्णायक हल जरूर निकाला होगा।
केसी वेणुगोपाल ने कहा- सोमवार को 4 घंटे विधानसभा चुनाव को लेकर राजस्थान सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के साथ मीटिंग हुई है। बैठक में तय हुआ कि गहलोत और पायलट मिलकर एक साथ चुनाव लड़ेंगे। गहलोत और पायलट दोनों ने हाईकमान पर डिसीजन छोड़ दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर बैठक में मौजूद राहुल गांधी, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल।
खड़गे के घर सोमवार देर रात तक चली बैठक के बाद गहलोत और पायलट केसी वेणुगोपाल के साथ बाहर आए। गहलोत और पायलट दोनों मुस्कुरा रहे थे। वेणुगोपाल ने ही मीडिया से बात की। गहलोत और पायलट केवल मुस्कुराते रहे, बोले कुछ नहीं। वेणुगोपाल के साथ दोनों नेता फिर से खड़गे के घर चले गए।
केसी वेणुगोपाल ने सुलह का दावा किया है, लेकिन अभी तक सचिन पायलट ने कोई बयान नहीं दिया है। अब पायलट के बयान का इंतजार है। पायलट की तीनों मांगों और सियासी मुद्दों पर फैसला कांग्रेस अध्यक्ष को करना है। सुलह के फॉर्मूले को उजागर नहीं करके अभी केवल हाईकमान पर फैसला छोड़ने की बात कही है।
पायलट का अल्टीमेटम 30 मई को पूरा हो रहा है। इससे कुछ घंटे पहले ही पायलट मुद्दे पर सुलह हो गई है। हालांकि पायलट ने अल्टीमेटम पर अभी कुछ नहीं बोला है। सचिन ने तीन मांगों को पूरा नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी। माना जा रहा है कि पायलट अब सुलह के बाद आंदोलन नहीं करेंगे।
सचिन पायलट ने पेपर लीक और बीजेपी राज के करप्शन के खिलाफ 11 मई से अजमेर से जयपुर के बीच पैदल यात्रा की थी। 15 मई को यात्रा के समापन पर जयपुर के महापुरा में की गई सभा में पायलट ने तीन मांगें रखकर 15 दिन में उन पर कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया था।
पायलट ने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे की सरकार के करप्शन पर हाईलेवल कमेटी बनाने, आरपीएससी को भंग कर पुनर्गठन करने और पेपर लीक से प्रभावित बेरोजगारों को मुआवजा देने की मांग रखी थी। तीनों मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी थी। पायलट के अल्टीमेटम को 30 मई को 15 दिन पूरे हो जाएंगे। तीनों में से किसी मांग को सरकार ने नहीं माना है।
पायलट की मांगों पर सीएम अशोक गहलोत ने विपक्ष की आड़ लेकर कहा था कि पेपर लीक पर मुआवजा मांगने को बुद्धि का दिवालियापन नहीं कहेंगे क्या, अब तक कभी पेपर लीक पर किसी सरकार ने मुआवजा दिया है क्या, ऐसा कभी हुआ है? गहलोत ने यह बयान गुरुवार शाम को जयपुर में सिंधीकैंप बस स्टैंड के नए टर्मिनल के लोकार्पण समारोह में दिया था। गहलोत ने मुआवजे की मांग को “बुद्धि का दिवालियापन’ बताकर यह संकेत दे दिए कि तीनों में से किसी मांग को नहीं माना जाएगा।