भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2019 को पेश किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में चलन में मौजूद मुद्रा में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ये बढ़कर 21.10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी माना है कि घरेलू मांग घटने से आर्थिक गतिविधियां सुस्त हुई है। अर्थव्यवस्था में निजी निवेश बढ़ाने की बात पर जोर दिया गया है।
आरबीआई वार्षिक रिपोर्ट 2019 की अहम बातें..
– देश में चलन में मौजूद मुद्रा में 17 फीसदी बढ़कर 21.10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।
– घरेलू मांग घटने से आर्थिक गतिविधियां सुस्त हुई है।
– अर्थव्यवस्था में निजी निवेश बढ़ाने की जरूरत है।
– आईएलएंडएफएस संकट के बाद एनबीएफसी से वाणिज्यिक क्षेत्र को ऋण प्रवाह 20 प्रतिशत घटा।
– वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकों में 71,542.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 6,801 मामले सामने आए
– सरकार को अधिशेष कोष से 52,637 करोड़ रुपये देने के बाद रिजर्व बैंक के आकस्मिक कोष में 1,96,344 करोड़ रुपये की राशि बची है।
– कृषि ऋण माफी, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन, आय समर्थन योजनाओं की वजह से राज्यों की वित्तीय प्रोत्साहनों को लेकर क्षमता घटी है।
– आरबीआई का इमरजेंसी फंड साल वित्त वर्ष 2019 में 1.96 लाख करोड़ पर पहुंच गया है, जबकि ये वित्त वर्ष 2018 में 2.32 लाख करोड़ रुपया था।