बांग्लादेश के खिलाफ 19 सितंबर से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज से पहले भारत के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अपने संन्यास पर बात की। उन्होंने बताया कि जिस दिन उन्हें महसूस होगा कि अब वह खेल में सुधार नहीं करना चाहते, उस दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का एलान कर देंगे। बता दें, कि अश्विन अब 37 वर्ष के हो चुके हैं। कुलदीप यादव और अक्षर पटेल जैसे तमाम युवा स्पिनर्स टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं। इस स्थिति में उन्हें भविष्य में मौका मिलना कठिन है।
भारत और बांग्लादेश के बीच गुरुवार को दो मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज होगा। रोहित शर्मा के नेतृत्व में टीम इंडिया बांग्लादेश को हराने का लक्ष्य लेकर उतरेगी। इससे पहले स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अपने संन्यास के फैसले पर बात की। उन्होंने विमल कुमार को दिए इंटरव्यू में बताया कि जिस दिन उन्हें लगेगा कि वह अब सीखना नहीं चाहते, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे। अश्विन ने कहा- मेरे दिमाग में ऐसा कुछ नहीं है। मैं एक बार में सिर्फ एक दिन के बारे में सोचता हूं क्योंकि जब आप बड़े हो जाते हैं, तो आपको हर दिन अतिरिक्त प्रयास करना पड़ता है। यह एक जैसा नहीं है। मैंने पिछले 3-4 वर्षों में बहुत प्रयास किया है। मैंने (संन्यास) का फैसला नहीं किया है, लेकिन जिस दिन मुझे लगेगा कि आज मैं सुधार नहीं करना चाहता, मैं छोड़ दूंगा। बस इतना ही।
40 की उम्र के करीब होने के बावजूद अश्विन का जज्बा युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि खेल के प्रति उनका जुनून और दैनिक प्रयास, प्रदर्शन को बढ़ावा देता है। आईसीसी की टेस्ट गेंदबाजी रैंकिंग में शीर्ष पर रहने वाले अश्विन, आगामी टेस्ट सीरीज में अहम भूमिका निभाएंगे। बांग्लादेश के बाद टीम इंडिया को न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है।
100 टेस्ट मैचों में 516 विकेट के साथ अश्विन इस प्रारूप में भारत के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। अनिल कुंबले से पीछे हैं, जिन्होंने 619 टेस्ट विकेट झटके हैं। इंटरव्यू के दौरान महान ऑफ स्पिनर ने पूर्व दिग्गज गेंदबाज के रिकॉर्ड को तोड़ने पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा- मैंने अपने लिए कोई लक्ष्य तय नहीं किया है। अनिल भाई चाहते हैं कि मैं उनका रिकॉर्ड तोड़ दूं, लेकिन मैं बस दिन-ब-दिन खुश हूं। मैं लक्ष्य तय करके खेल के प्रति अपने प्यार को खोना नहीं चाहता।
साल 2018-2020 का समय अश्विन के लिए संघर्षपूर्ण रहा। उन्हें चोट की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। अब उन्होंने इस पर बात करते हुए कहा- मैं जानता हूं कि उस कठिन दौर के बाद मेरी जिंदगी कैसे बदल गई। मैं सिर्फ क्रिकेट के प्रति अपने उत्साह को बनाए रखता हूं और जैसे ही मुझे लगेगा कि मैं इसे खो रहा हूं, मैं इससे दूर हो जाऊंगा। हम सभी खेलते हैं और हमें सभी को जाना पड़ता है। कोई और आएगा और अच्छा प्रदर्शन करेगा। यह भारतीय क्रिकेट है।