“बलात्कार का अपराध समाज तथा मानवीय गरिमा के खिलाफ एक ऐसा अपराध है, जिसमें एक मनुष्य गिरकर पशु जैसा हो जाता है। अपराधी विजय मिश्रा ने जनप्रतिनिधि रहते हुए एक पीड़िता के साथ बलात्कार जैसा घिनौना कृत्य किया है। जिस व्यक्ति को जनता अपना प्रतिनिधि चुनकर विधानसभा या लोकसभा भेजती है। उसने ही एक महिला के साथ बलात्कार किया है। यह आम जनता के साथ विश्वासघात है।
ऐसे अपराधियों को सजा मिलना जरूरी है। इससे समाज में एक मैसेज जाएगा और तभी न्याय का उद्देश्य सफल होगा।” यह तल्ख टिप्पणी भदोही की MP/MLA कोर्ट के जज ने बाहुबली विजय मिश्रा को सजा सुनाते हुए की। हालांकि, कोर्ट के सामने विजय मिश्रा गिड़गिड़ाया। अपनी बीमारी का हवाला देकर कम से कम सजा दिए जाने की मांग की।
मगर, कोर्ट ने शनिवार को सख्त रुख अख्तियार करते हुए उसे 15 साल की सजा सुनाई। साथ ही न्यायालय ने एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। हालांकि, कोर्ट ने इसे सामूहिक दुष्कर्म न मानकर दुष्कर्म ही माना है। इस मामले में बाहुबली के बेटे विष्णु और नाती ज्योति को बरी कर दिया गया है। इस पूरे मामले में पुलिस, पीड़िता सहित 8 लोगों की गवाही हुई और 50 से ज्यादा तारीखें पड़ीं। इसमें विजय मिश्रा दोषी करार दिया गया और उसे सजा हुई।
वाराणसी के जैतपुरा की रहने वाली गायिका ने भदोही के गोपीगंज थाने में विजय मिश्रा समेत 3 के खिलाफ 18 अक्टूबर 2020 को FIR दर्ज कराई थी। पीड़िता का आरोप था कि विजय मिश्रा 2014 से उसका शारीरिक शोषण कर रहा था। उसका कहना था कि साल 2014 में विजय मिश्रा ने अपने चुनाव के लिए एक कार्यक्रम के लिए उसे बुलाया था। स्टेज पर जाने से पहले जब वह चेंजिंग रूम में कपड़े बदल रही थी, उसी समय विजय कमरे में घुस आया और रेप किया। इसके वह लगातार मुझे धमकाता रहा। मैं डर के चलते शिकायत तक नहीं कर पाई।
इसके बाद 2015 में प्रयागराज के अल्लापुर में अपने घर बुलाकर भी रेप किया। तंग आकर वह 2016 में मुंबई चली गई। मगर, विधायक लगातार वीडियो कॉल कर अश्लील हरकतें करता रहा। मैं उसके रसूख और खौफ के चलते चुप रही। जब उसकी हरकतें बर्दाश्त के बाहर हो गईं। तब उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।शनिवार को जब बाहुबली को कोर्ट में लाया गया, तो वह बहुत थका सा दिख रहा था। कोर्ट में उसके कंधे झुके हुए थे। वकील ने उसकी हालत दिखाकर कम सजा देने की मांग की थी। लेकिन फैसला सुनाते वक्त ने लिखा, “विजय मिश्रा ने इस मामले में FIR दर्ज होने के बाद पीड़िता पर मुकदमा वापस लेने के लिए तरह तरह से दबाव बनाए। उसको बनारस की भरी मार्केट से उठवा लिया, अपने गुर्गों से धमकी दिलवाई गई। विजय मिश्रा ने यहां तक हालात पैदा कर दिए कि पीड़िता को जो गायकी के प्रोग्राम मिलते थे।उसको भी बंद करवाया, यानी पीड़िता के जीवन यापन का साधन भी खत्म करवा दिया। इस दौरान पीड़िता को अपना जीवन यापन करने के लिए बनारस छोड़कर मुंबई जाना पड़ा। वहां भी उसको धमकी भरे फोन होते रहे और विजय मिश्रा के आदमी पैरवी न करने के लिए धमकाते रहे।”
जज ने यह भी लिखा, “समाज में महिलाओं की कमजोर स्थिति को देखते हुए विधायिका ने कानून बनाया कि जो कोई भी व्यक्ति उसी स्त्री से बार बार बलात्कार करेगा, वह कठोर कारावास का हकदार होगा। जिसकी अवधि कम से कम 10 साल और अधिकतम उम्र कैद तक होगी, जिससे ऐसा घिनौना कार्य करने वाले का शेष जीवन जेल में ही कटे।”