रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को चीन के डिफेंस मिनिस्टर जनरल ली शांगफू के साथ द्विपक्षीय मीटिंग की। मीटिंग में राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत चीन से अपने संबंध सुधारना चाहता है लेकिन इसके लिए पहले सीमा पर शांति स्थापित करनी होगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग तभी बढ़ सकता है, जब सीमा पर शांति हो।
भारतीय रक्षा मंत्री ने कहा कि सभी विवादों को मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों के मुताबिक हल किया जाना चाहिए। मौजूदा समझौतों के उल्लंघन से दोनों देशों के बीच के संबंध खराब हुए हैं।
कल नई दिल्ली में SCO के रक्षा मंत्रियों की बैठक होगी। इसकी अध्यक्षता राजनाथ सिंह करेंगे। चीनी रक्षा मंत्री इसी मीटिंग में शामिल होने के लिए भारत आए हैं। मीटिंग में रूस, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, ईरान और कजाकिस्तान आदि देशों के रक्षा मंत्री भी हिस्सा लेंगे। हालांकि, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भारत नहीं आए हैं। वे मीटिंग में वर्चुअली शामिल होंगे।
2020 में भारत-चीन के बीच हुई झड़प के बाद ये किसी भी चीनी मंत्री की पहली भारत यात्रा है। 15 जून 2020 को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के 38 सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने 4 सैनिक मारे जाने की बात ही कबूली थी। यह टकराव करीब 3 घंटे तक चला था।
23 अप्रैल को चुशुल-मोल्दो बॉर्डर मीटिंग प्वाइंट पर भारत-चीन के बीच कमांडर लेवल की बातचीत हुई थी। इस दौरान चीन की डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा था- हम जरूरी मुद्दों पर मिलकर जल्द ही समाधान निकालेंगे। भारत-चीन बॉर्डर पर शांति स्थापित की जाएगी।
बैठक के दौरान दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक चैनलों के जरिए संपर्क और संवाद बनाए रखने पर सहमत हुए थे। इसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ ही बाकी जरूरी मुद्दों के समाधान पर दोनों पक्षों ने गहन चर्चा की। हम जल्द ही किसी समझौते पर पहुंचेंगे।
वहीं, 4 मई को होने वाली SCO फॉरेन मिनिस्टर की मीटिंग में शामिल होने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत आएंगे। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। 2014 के बाद ऐसा पहली बार होगा जब कोई पाकिस्तानी मंत्री भारत आएगा। 2014 में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भारत दौरे पर आए थे।
SCO यानी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन का गठन 2001 में हुआ था। SCO एक पॉलिटिकल, इकोनॉमिकल और सिक्योरिटी ऑर्गेनाइजेशन है। भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान समेत इसके कुल 8 स्थाई सदस्य हैं। शुरुआत में SCO में छह सदस्य- रूस, चीन, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान थे।