तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी ने सोमवार को फिल्म अभिनेता रजनीकांत पर आरोप लगाया कि उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के लिए एनडीए सरकार की प्रशंसा की. तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केएस अलागिरी ने इस मामले पर रजनीकांत के रुख पर हैरानी जताई है. जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि अभिनेता ने धर्म के साथ आध्यात्मिकता का घालमेल करने की कोशिश की है.
केएस अलागिरी ने कहा, ‘रजनीकांत एक आध्यात्मिक व्यक्ति हैं. कश्मीर मुद्दे पर उनकी टिप्पणियां चौंकाने वाली हैं. मुझे आश्चर्य है कि अगर रजनीकांत ने अपनी धार्मिक भावना के चलते आध्यात्मिकता के साथ घालमेल किया है.’
अलागिरी ने यह जानने की कोशिश की कि क्या केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश, उत्तर पूर्व के कुछ राज्यों और कर्नाटक में कुर्ग का विशेष दर्जा वापस लेगी? उन्होंने कहा, ‘कश्मीर में विशेष दर्जे को रद्द करने वाली सरकार ने अन्य राज्यों के लिए ऐसा नहीं किया है. ऐसा क्यों है? मोदी सरकार ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 को केवल इसलिए रद्द कर दिया क्योंकि यह मुस्लिम बहुल राज्य है?’
तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष ने अभिनेता रजनीकांत से भगवान कृष्ण और अर्जुन की भूमिका को समझने के लिए महाभारत को पढ़ने का आग्रह किया. अलागिरी ने कहा, ‘काश, रजनीकांत महाभारत को यह समझने के लिए पढ़ते कि अमित शाह और मोदी दुर्योधन और शकुनि हैं. वो भगवान कृष्ण और अर्जुन कैसे हो सकते हैं जब उन्होंने लोगों के अधिकार छीन लिए हैं?’
रजनीकांत की इस बात पर भड़की कांग्रेस
असल में, अभिनेता रजनीकांत ने रविवार को चेन्नई में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भगवान कृष्ण और अर्जुन की तरह हैं. रजनीकांत ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के फैसले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सराहना करते हुए यह बात कही थी. अमित शाह को बधाई देते हुए रजनीकांत ने कहा था, “मिशन कश्मीर के लिए मेरी हार्दिक बधाई. संसद में आपका (अमित शाह) दिया गया भाषण शानदार था.” रजनीकांत एक किताब के लॉन्च पर बोल रहे थे, जो वेंकैया नायडू के उप-राष्ट्रपति पद के पहले दो वर्षों के कार्यकाल पर आधारित है.