राजस्थान सरकार देगी कन्हैया के परिवार को 31 लाख मुआवजा , केंद्र ने भेजी NIA की टीम

केंद्र सरकार उदयपुर में मंगलवार को की गई एक दर्जी की नृशंस हत्या को आतंकवादी हमला मान रही है। इसके लिए एक जांच दल भेजा गया है जिसमें आतंकवाद रोधी एजेंसी एनआईए के अधिकारी शामिल हैं। प्रारंभिक जानकारी से यह बात सामने आई है कि हमलावरों के आईएसआईएस से संबंध हो सकते हैं। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने कहा कि जांच दल मामले की गहन जांच करेगा और गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों की पृष्ठभूमि की पड़ताल करेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया यह एक आतंकी मामला लगता है और इसकी गहन जांच की जरूरत है जिसमें उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल को खंगालना शामिल है।’’ कड़े गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने के बाद मामले को जांच के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपे जाने की संभावना है।
उदयपुर के धानमंडी थानाक्षेत्र में दो व्यक्तियों ने एक दर्जी की कथित रूप से गला काटकर हत्या कर दी और सोशल मीडिया पर एक वीडियो डालकर कहा कि उन्होंने ‘इस्लाम के अपमान’ का बदला लेने के लिए ऐसा किया। घटना से सांप्रदायिक तनाव पैदा होने के बाद उदयपुर शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वीडियो क्लिप में एक कथित हमलावर को यह कहते सुना जा सकता है कि उसने एक आदमी का सर कलम कर दिया है। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकी देते हुए कहा कि ‘‘उनका छुरा उन (मोदी) तक भी पहुंचेगा।’’ हमलावरों ने परोक्ष रूप से नुपुर शर्मा का भी जिक्र किया जिन्हें पैगंबर मोहम्मद पर एक टिप्पणी के मामले में भाजपा से निलंबित किया गया था।

राजस्थान सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया है। मृतक कन्हैयालाल के परिवार को 31 लाख रुपए का मुआवजा और परिवार के 2 सदस्यों को संविदा पर नौकरी दी जाएगी। नुपुर शर्मा से संबंधित पोस्ट करने के मामले में कन्हैयालाल का समझौता कराने वाले स्थानीय ASI को भी निलंबित किया गया है। इससे पहले दिनदहाड़े हत्या को अंजाम देने के आरोपियों ने अपराध स्वीकार करते हुए वीडियो पोस्ट किया और उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उनमें से एक ने खुद की पहचान रियाज अख्तरी के रूप में की।
अख्तरी के संबंध पाकिस्तान स्थित दावत-ए-इस्लामी से मिले हैं, जिसकी भारत में भी शाखाएं हैं। दावत-ए-इस्लामी के कुछ सदस्य 2011 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या सहित कई आतंकी घटनाओं में शामिल थे। आतंकवादी समूहों, विशेष रूप से आईएसआईएस और अल-कायदा द्वारा सिर कलम करना आम बात है। यह प्रवृत्ति 2014 में शुरू हुई जब आईएसआईएस द्वारा इसी तरह से कई विदेशियों को मार डाला गया तथा इन वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया।
जम्मू कश्मीर में तीन दशकों के आतंकवाद के दौरान, 1995 में सिर कलम करने का केवल एक मामला देखा गया था, जब प्रतिबंधित आतंकवादी समूह हरकत-उल-अंसार के कथित आतंकवादी अल फरान ने विदेशी पर्यटक हंसा ओस्ट्रो को मार डाला था।
मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने मंगलवार शाम उच्च स्तरीय बैठक की और सभी संभागीय आयुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों एवं जिलाधिकारियों को प्रदेशभर में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। एक सरकारी बयान में मुख्य सचिव ने कानून-व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से प्रदेशभर में आगामी 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद किये जाने, सभी जिलों में आगामी एक माह तक धारा 144 लागू करने,पुलिस एवं प्रशासन के सभी अधिकारियों के अवकाश निरस्त करने, शांति समिति की बैठक आयोजित करने और उदयपुर जिले में आवश्यकतानुसार कर्फ्यू लगाये जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने सभी संभागीय आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि उदयपुर की घटना के वीडियो का मोबाइल एवं अन्य माध्यमों से प्रसार पर सख्ती से रोक लगाई जाए। साथ ही वीडियो को प्रसारित करने वाले लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि धर्म गुरुओं से अपील की जाए कि वे साम्प्रदायिक सौहार्द एवं शान्ति बनाये रखने में सहयोग करें।
घटना के बाद रात 8 बजे उदयपुर के सात थाना क्षेत्रों में अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया गया है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनता से शांति बनाये रखने की अपील की है। कथित रूप से दिन दहाड़े हत्या को अंजाम देने वाले दोनों शख्स ने ऑनलाइन वीडियो डालकर इस गुनाह की जिम्मेदारी ली और पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है।
इसबीच अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अभय कुमार ने अधिकारियों से कहा कि सभी जिलों में पूरी सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ स्थिति पर नजर रखी जाए। पुलिस एवं प्रशासन के सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में कानून व्यवस्था को लेकर निरंतर निगारानी सुनिश्चित करें।
पुलिस महानिदेशक एम.एल. लाठर ने निर्देश दिए कि उदयपुर की घटना के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी विशेष निगरानी सुनिश्चित करें। साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाए। बैठक में पुलिस महानिदेशक (इंटेलीजेंस) उमेश मिश्रा ने सभी जिलों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए।