सौरभ सिंह यादव-तिल्दा-नेवरा ः- तिल्दा क्षेत्र अंतर्गत सभी धान खरीदी केन्द्रों सहकारी समिति में में आज से धान खरीदी प्रारंभ होने वाला है जिसके लिए मंगलवार 30 नवम्बर से टोकन मिलना प्रारम्भ हो गया था सरकार द्वारा धान खरीदी में किसानों से 25% बारदाना मंगाया गया है जिसके कारण तिल्दा नेवरा क्षेत्र में सुबह से ही बारदाना खरीदने किसान तिल्दा नेवरा पहुंच रहे हैं यहां कोचिये द्वारा 35-40 रुपए प्रति नग तक जुट का बारदाना बेचा जा रहा है धान खरीदी केंद्र पर चबूतरे की रंगाई पुताई और सभी समिति में बाउंड्री सुधार सहित बिजली लाइट का व्यवस्था दुरूस्त किया जा रहा है किसानों को बजार से जुट का पुराना बारदाना 35 से 40 रुपए प्रति नग में मिल रहा है जिसके लिए किसान सस्ता बारदाना प्राप्त करने की कोशिश में दर बदर भटक रहे हैं लेकिन हर जगह बारदाना 35-40 रुपए प्रति नग से ही मिल रही है वहीं भूरसुदा किसान सेवक साहू व परमानन्द ने बताया कि 30 रू में बार दाना मिल रहा था करके तिल्दा आया था लेकिन वो पूरी कमजोर फटा हुआ बारदाना था इसलिए 35 रुपए वाला ले जा रहा हूं राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए धान एवं मक्का खरीदी में उपयोग किए जाने वाला पुराने जूट बारदानों की दर का निर्धारण कर दिया गया है। प्रति नग जूट बारदानें की दर 18 रूपए निर्धारित की गई है। गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी किसानों, मिलरों एवं पीडीएस दुकानों के पुराने जूट बारदानें का उपयोग किया जाएगा। सरकार जानबूझकर बारदाने का खेल खेला जा रहा है किसान बृजलाल वर्मा ,हरिचंद्र ध्रुव ,छेदू पटेल ने कहा कि धान खरीदी के प्रारंभ में सारी तैयारी सरकार को करनी चाहिए था लेकिन धान खरीदी में विलंब करने हेतु बारदाना कमी का यह सरकार द्वारा नाटक रची जा रही है वैसे भी हम किसान मौसम दंश झेल रहे हैं अब सरकार का भी दंश झेलना पड़ेग तिल्दा में लग रहा बारदाना बजार तिल्दा नेवरा में सुबह से ही बारदाना बिकना प्रारम्भ हो जाता है विभिन्न खाद्य पदार्थो एवं पुराने बारदाना कोचिए द्वारा बेचा जा रहा है जो गुणवत्ता के आधार 35-40 तक बिक रहा है भाजपा महामंत्री अनिल अग्रवाल मौसम का मार झेल रहे किसान के साथ सरकार द्वारा अन्याय किया जा रहा है सरकार किसान का दाना दाना खरीदने की बात करती हैं और दूसरी ओर कहती हैं कि बारदाना किसान लाएगा वहीं पंजीयन हेतु छूट गए किसान भटक रहे हैं उनका पंजीयन होना चाहिए और मौसम में नुकसान कि मुआवजा मिलना चाहिए भाजपा मण्डल अध्यक्ष ईश्वर यदु ने कहा कि प्रति एकड़ किसान 9-10 बारदाना समिति को देना पड़ेगा जो 2500 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी का कीमत किसान से छल करके लिया जा रहा है सासाहोली किसान सौरभ जैन ने कहा सरकार पहले ही एक माह लेट धान खरीदी करने जा रही है और कुछ दिन पूर्व बारदाना का नाट्य प्रस्तुति कर हम किसानों के साथ न्याय योजना से अन्याय का कार्य किया जा रहा है जो शर्मनाक है बिलाड़ी किसान द्वारिका यदु फूल दास बनजारे तोरण यदु ने कहा कि जुट के बारदाना महंगा है हम खाद प्लास्टिक के बोरे से लिए है सरकार जुट के जगह प्लास्टिक बोर का अनुमति देते तो राहत मिलता प्रदेश किसान संघ ने जारी किया बयान बारदाने की समस्या को लेकर पुनः एक बार किसान चिंतित दिखाई दे रहे हैं। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान खरीदी में किसानों को समस्याओं से दो चार होना पड़ेगा क्योंकि सभी समितियों में जो दिशानिर्देश जारी किये गए है उन निर्देशों के अनुसार धान खरीदी के पहले दिन से ही 25 से 30 प्रतिशत बारदाने किसानों से ही लेने की बात कही गई है। इन दिशानिर्देशों के पश्चात् व्यापारियों के चेहरे खिल गए है और किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खींच गई है क्योंकि जैसे ही यह बात सामने आई की बारदाने की समस्या है रातों रात बारदाने की कीमतें आसमान पर पहुंच गई जो बारदाना 15 से 20 में मिलना चाहिए वह अब 35 का हो गया है जिसका पूरा भार किसानों पर ही आयेगा। किसानों कहना है की हमें प्रति क्विंटल 100 का अतिरिक्त खर्च बारदानों पर करना होगा। धान का समर्थन मूल्य 1940 मिलना है वह अब बारदाने के खर्च के पश्चात् 1840 ही मिलेगा क्योंकि 100 का खर्च बारदाने का बढ़ गया है। 100 के खर्च को इस प्रकार से समझा जा सकता है जैसे एक बारदाना 35 का तो एक क्विंटल धान के लिए तीन बारदाने की आवश्यकता होगी और तीन बारदाने का खर्च लगभग 100 आयेगा। इसका भार तो किसानों के उपर ही आयेगा। किसानों का धान किसानों की सुविधा को देखते हुए प्लास्टिक की बोरियों में भी लेना चाहिए क्योंकि किसानों के पास प्लास्टिक बोरियां खाद उसमें आने के कारण उपलब्ध रहती है। प्रदेश के किसानों से चर्चा के पश्चात् किसानों का कहना की यदि बाहर से बारदाने किसानों को मिल सकते है तो सरकार क्यों व्यवस्था नहीं कर पा रही है। किसानों ने अपनी बात में यह भी कहा की सरकार ने पिछले वर्ष बारदाने का पैसा देने की बात की थी उसका भुगतान सरकार ने आज तक नहीं किया है। किसानों का कहना है अब हमें धान खरीदी को लेकर सरकार पर भरोसा नहीं रह गया है जिस प्रकार साफ्टवेयर की गड़बड़ी बताकर हजारों किसानों का रकबा काटा गया वो किसानों के साथ धोखा ही है। इसके साथ ही एक नई समस्या किसानों के साथ आ रही है जिन किसानों की एक से अधिक ग्रामों में खेती है उन किसानों का एक से अधिक ग्रामों का पंजीयन एक ही समिति में कर दिया गया है। ऐसे में उस किसान को एक गांव से उसके दूसरे गांव की समिति में परिवहन करना होगा जिसमें वह अनावश्यक परेशान होगा और उसका खर्च भी बढ़ेगा। भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चंद्रवंशी ने मांग की है की सरकार किसानों को बारदाने एवं रकबे को लेकर होने वाली समस्या का तत्काल समाधान निकाले एवं पिछले वर्ष के बारदानों का भुगतान तत्काल किसानों को करें अन्यथा भारतीय किसान संघ पूरे प्रदेश में सरकार के विरोध में आंदोलन करेगा।