रायपुर :- छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को नजर नहीं आ रहा है प्रदूषण बेखौफ होकर उरला, सिलतरा, भनपुरी , के उद्योग उगल रहे धुआं उगल रहे हैं. काली धूल गिरने के बाद भी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों को प्रदूषण नजर नहीं आ रहा है आप लोग को भी प्रदूषण के आंकड़ों ना पता चले शहर में लगे वायु गुणवत्ता जांच यंत्र बंद करा दिए गए हैं प्रदूषण के कारण बड़े ही नहीं बच्चे भी कई रोग के शिकार हो रहे हैं.
रसायनों द्वारा किए गए शोधों में यह तथ्य सामने आ चुका है कि प्रदूषण के कारण औद्योगिक क्षेत्र के रहवासियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है शोध में यहां तब भी सामने आया था कि बच्चे भी प्रदूषण की वजह से रोगों के शिकार हो रहे हैं इसके बाद भी पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा प्रदूषण कारी उद्योग पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. एनआईटी परिसर के सामने लगाया वायु गुणवत्ता जांच यंत्र पर्यावरण संरक्षण मंडल ने अब पूरी तरह से बंद करा दिया है.
अारओ डॉक्टर से नजदीक भी अंकुश नहीं
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के आरोप रायपुर कार्यालय के चंकी मी की दूरी पर उरला भनपुरी डूंगरी में उद्योग व्यापार होकर काला धुआं छोड़ते हैं इनके कारण लोगों को स्वास्थ्य की परेशानी हो रही है लेकिन आरो कार्यालय जिस पर कारवाही की जिम्मेदारी है उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.
काली परत खुद पोल खोल रही
घरों की छतों और बालकनी में जमा रही काली परत खुद-ब-खुद प्रदूषण स्तर बढ़ने की बात बाय कर रही है दशहरा की छुट्टियों के बाद दो-तीन दिन में घर लौटने वाले को सबसे पहले घरों में जमी धूल की काली परत का सम्मान करना पड़ रहा है बालकनी से लेकर घरों के कमरों की सफाई में काली धूल देखने को मिली.
एलर्जी, सांस के रोगी बढ़े
धूल और धुएं के कारण एलर्जी और सांस के रोगियों की तकलीफ बढ़ती जा रही है सप्ताह में एक या दो दिन उन्हेंलर उपयोग करने वाले को रोजाना इन्हेलर इस्तेमाल करना पड़ रहा है आंखों में जलन और खुजली की समस्या भी आ रही है।