तिल्दा-नेवरा:-नगर पालिका तथा पंचायत कोहका की सिमा पर लगने वाली सरकारी जमीन इनदिनों अतिक्रमणकरियो की नजर में चढ़ी हुई हैं. राजनीति से जुड़े लोग किस तरह सत्ता पाकर सरकारी जमीन कब्जा लेतेहैं, यह इसका उदाहरण भी है, तत्कालीन कलेक्टर रायपुर के आदेश पर सन 2013 में तिल्दा नेवरा के तत्कालीन तहसील नवीन ठाकुर के नेतृत्व एक टिम गठित की गई थी. जिसके तहत तिल्दा नेवरा के लकड़ी टाल में10000स्क्वेयर फिट पर भू माफिया द्वारा दुकान बनाकर अवैध अतिक्रमण किया गया था. उक्त टीम द्वारा पुलिस फोर्स की सहायता से अवैध कब्जा तोड़ा गया लेकिन जब फिर से उक्त जमीन पर दुकान निर्माण का कार्य प्ररंभ कर दिया गया है. आरोप है कि शिकायत कई बार करने के बाद तहसीलदार द्वारा नोटिस जारी किया जाता हैं लेकिन कोई ठोस कार्यवही नही की जा रही हैं. दूसरी तरफ अवकाश के दिनों में मजदूरों की सख्या बढ़ाकर तेजी से अवैध निर्माण किया जाता हैं. दूसरे दिन वर्किंग डे पर फिर काम बंद हो जाता हैं.शासन के नियमों के तहत यदि सरकारी जमीन जनहित की नही हो तो उसे बाजार मूल्य151 गुना लेकर विक्रय किया जाता हैं. लेकिन इस मामले में यह भी नही हो रहा है.26 सौ रूपये फिट में बिक्री होने की भी चर्चा लोगों में जमकर चर्चा है कि तहसील कार्यालय से महज सौ मीटर दूरी में इतनी महंगी जमीन जिसकी मूल्य बाज़ार में3000 हजार वर्ग फिट हैं.10000स्कयर फिट सरकारी जमीन को कब्जा कर 2600 रुपये प्रति स्केयर फिट की दर बेच भी दिया गया है. मेन रोड बांस टाल के पास नई सब्जी मंडी के सामने इस्थित यह जमीन करोड़ की है. पिछले 8-10 दिनों में इस सरकारी जमीन पर अवकाश के दिन निर्माण भी शुरू कर दिया जाता हैं. तहसील प्रशासन द्वारा नोटिस के अलावा और कोई कार्यवही नहीं अतिक्रमणकरियोके हौसले और बढ़ते जा रहे हैं.
कुछ दिनों के बाद फिर किया अतिक्रमण
कोरोना काल का फायदा लेते हुए तिल्दा नेवरा से कोहका जाने वाले मार्ग पर नगर पालिका के पास से लेकर खरोरा सिमगा मुख्य मार्ग जमीन इन दिनोंअतिक्रमणकरियोके निशाने पर है. तिल्दा नेवरा राजधानी से सटे होने के कारण यहां की जमीन की कीमत आसमान छू रही है. वहीं शासकी भूमि खुले आम अतिक्रमण हो रहा है. और इसके पीछे प्रभावशाली लोग हैं.जहाँ लोग कंटीली झाड़ियो पत्थरो तथा अन्य सामग्री लगाकर अपने कब्जे कर रहे हैं.
तहसीलदार ने कहा-जारी कर चुके है नोटिस
नगर पालिका से जुड़ी ग्राम पंचायत कोहका की बेशकीमती जमीन पर भी कब्जा हो रहा है.शहर के नजदीक होने के कारण इसकी कीमत करोड़ों में है. यहां यात्रीयो की हर समय आवाजाही करने के कारण सड़क मार्ग पर कई रैन बसेरे भी लगये जाते हैं. लेकिन अतिक्रमण के कारण अन्य लोगों को काफी परेशानी सामना करना पड़ता सकता है. इधर तहसीलदार सरिता मढ़रिया नेकहा कि तहसील दफ्तर के पास जारी अवैध कब्जे और निर्माण कि शिकायत मिली है. संबंधित पक्ष को निर्माण कार्य रोकने नोटिस जारी कर चुके हैं.
2013 में कलेक्टर ने तुड़वाया था कब्जा इसके बाद भी बेची गई सरकारी जमीन,अब नोटिस जारी लेकिन चुटिया के दिन हो रहा अवैध निर्माण।