रेलवे में नौकरी के लिए आवेदन कर प्रतीक्षा कर रहे युवाओं के लिए यह अच्छी खबर है। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव का दावा है कि रेलवे जल्द ही एक लाख 24 हजार नौकरियां देने जा रहा है। इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। साथ ही बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प के तहत रेलवे स्टेशनों पर शहर का आकर्षण और ट्रेन में यात्रा को आरामदायक बनाने की योजना पर भी काम तेजी से चल रहा है।
लखनऊ में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने आए रेल मंत्री गुरुवार को भाजपा के प्रदेश मुख्यालय भी पहुंचे। यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि रेलवे में एक लाख 24 हजार रिक्तियां निकाली गई हैं, जिनके लिए एक करोड़ 40 लाख आवेदन आए हैं। आवेदनों की यह संख्या किसी भी परीक्षा की तुलना में कहीं अधिक है। अभ्यर्थियों के चयन में कोई अनियमितता न हो। पूरी पारदर्शी तरीके से परीक्षा और नियुक्ति हो, इसलिए प्रक्रिया में समय लग रहा है। फिर भी जल्द ही एक लाख 24 हजार युवाओं को नौकरी दी जाएगी।
वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कुछ समय पहले निर्देश दिया था कि रेलवे कोच नए सिरे से ऐसे डिजाइन किए जाएं कि यात्रियों का सफर और भी अधिक सुविधाजनक बने। इसके लिए इंडियन कोच फैक्ट्री चेन्नई के इंजीनियरों ने ऐसे कोच डिजाइन कर लिए हैं, जो अधिक आरामदायक होंगे। उसमें एयर स्प्रिंग का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा पीएम चाहते हैं कि कोई भी स्टेशन शहर को बांटने वाला नहीं, बल्कि जोड़ने वाला होना चाहिए। इसे ध्यान में रखते हुए चौड़े फुटओवर ब्रिज और सबवे बनाने की योजना तैयार की गई है। साथ ही स्टेशन को इतना आकर्षक बनाया जा रहा है कि शहरवासी वहां सिर्फ यात्रा के लिए ही नहीं, बल्कि कभी-कभार यूं भी घूमने चले जाएं।
विपक्ष द्वारा लगातार निजीकरण पर सवाल उठाए जाने पर अश्वनी वैष्णव ने कहा कि विपक्ष के पास न तो काम गिनाने के लिए है और न ही मुद्दा है। संसद में स्पष्ट किया जा चुका है कि निजीकरण का कोई प्रस्ताव ही नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि यात्रियों को टिकट पर सरकार 53 प्रतिशत सब्सिडी देती है। पेंशन पर 55 हजार करोड़ और वेतन पर 97 हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष खर्च करती है। रेलवे के माध्यम से सरकार का उद्देश्य मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि जनता को सुविधा देना होता है। कोई निजी कंपनी क्यों घाटे का सौदा करते हुए रेलवे का संचालन अपने हाथ में लेगी।