कांग्रेस लीडर राहुल गांधी 6 दिन के अमेरिका दौरे पर हैं। शुक्रवार को वो CNN के फरीद जकारिया को इंटरव्यू देंगे। साथ ही राहुल अमेरिका के कुछ सांसदों से भी मुलाकात कर सकते हैं। इसके बाद वो 2 दिन के दौरे पर न्यूयॉर्क के लिए रवाना होंगे। यहां राहुल हावर्ड यूनिवर्सिटी में कई थिंक टैंक्स के साथ बैठक करेंगे।
इसके बाद वो क्रिएटिव इंडस्ट्री में काम कर रहे इंडियन-अमेरिकिन लोगों से मुलाकात करेंगे। न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान राहुल गांधी जेविट्स सेंटर में एक सभा को भी संबोधित करेंगे। वहीं गुरुवार को QSS ग्रुप के फाउंडर और FI इंवेस्टमेंट ग्रुप के भारतीय मूल के हेड फ्रैंक इस्लाम ने राहुल गांधी के लिए खास डिनर का आयोजन किया था।
इससे पहले कांग्रेस नेता ने वॉशिंगटन डीसी के नेशनल प्रेस क्लब में मीडिया के सवालों के जवाब दिए थे। सांसदी जाने के सवाल पर राहुल ने कहा था- मुझे 1947 के बाद मानहानि के मामले में सबसे बड़ी सजा मिली है। मैंने संसद में अडाणी को लेकर स्पीच दी थी, जिसका मुझे तोहफा मिला। इसी वजह से मुझे डिस्क्वालिफाई कर दिया गया।
केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग से गठबंधन पर उन्होंने कहा था- मुस्लिम लीग पूरी तरह से सेक्युलर पार्टी है। विपक्ष एकजुट हो रहा है। हम सभी विपक्षी पार्टियों से बात कर रहे हैं। इस दौरान PM मोदी की बढ़ती लोकप्रियता से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा- मैं कन्याकुमारी से कश्मीर तक पूरा भारत घूमा हूं। लाखों भारतीयों से सीधे बात की है। मुझे वो लोग खुश नहीं लगे और वो बेरोजगारी, महंगाई से बहुत परेशान हैं। लोगों में गुस्सा था।
राहुल ने कहा- भारतीय तंत्र और व्यवस्थाएं बहुत मजबूत है, लेकिन इस सिस्टम को कमजोर कर दिया गया है। अगर लोकतांत्रिक तरीके से बातचीत की जाए, तो सारे मसले खुद सुलझ जाएंगे। इसके अलावा कांग्रेस नेता ने हड्सन इंस्टिट्यूट में कई बड़े थिंक टैंक्स के साथ अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की।
राहुल ने बुधवार को सिलिकॉन वैली में बुधवार को AI क्षेत्र में स्टार्ट-अप शुरू करने वाले कई बिजनेसमैन से मुलाकात की। इस दौरान पेगासस स्पाईवेयर पर चर्चा करते हुए राहुल ने कहा- मुझे पता है कि मेरा फोन टैप हो रहा है। इसके बाद उन्होंने अपना फोन उठाया और बोले- हैलो, मोदी जी। राहुल बोले कि अगर कोई देश ये तय कर ले कि आपका फोन टैप करना है तो फिर इसे रोका नहीं जा सकता। मुझे लगता है कि मैं जो भी करता हूं सरकार को उसकी पूरी जानकारी होती है।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में राहुल ने अपनी सांसदी जाने पर कहा कि मैं 2004 में राजनीति में आया था। तब मैंने ये नहीं सोचा था कि कुछ बोलने भर से सांसदी जा सकती है। मैं शायद पहला इंसान हूं जिसे अवमानना की इतनी बड़ी सजा मिली है, लेकिन अब मुझे लगता है कि संसद में बैठे रहने के मुकाबले अब ज्यादा मौके मिलेंगे। राहुल ने कहा- लोकतंत्र में संस्थाओं को खतरे में देखकर हमने भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की थी।
राहुल ने कहा- 125 लोगों से शुरू हुआ सफर लाखों तक पहुंचा। कई लोगों ने मुझसे पूछा कि इस यात्रा से क्या सीखा। ये मेरी जिंदगी का सबसे सुखद अनुभव रहा है। हमने खेती से लेकर, हेल्थकेयर, शिक्षा तक के बारे में लोगों को बताया। हमारे देश में राजनीति और आम लोगों में एक बड़ा फासला है।
राहुल ने कहा- सत्ता के पास पुलिस, मीडिया जैसी सभी संस्थाएं हैं, लेकिन फिर भी वो हमें रोक नहीं पाए। हमसे कहा गया कि कश्मीर की सड़कों पर आप चलेंगे तो 4 दिन में मार दिए जाएंगे। मैंने कहा, ओके, नो प्रॉब्लम। महात्मा गांधी ने भी अकेले बिना किसी फोर्स के अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी।
राहुल गांधी ने छात्रों से कहा कि वो किसी विदेशी सपोर्ट की उम्मीद में वहां नहीं पहुंचे हैं। उन्हें पता है कि ये उनकी लड़ाई है और वो इसे खुद लड़ेंगे। वो सिर्फ विदेश में भारतीय छात्रों से बात करके उनसे बेहतर रिश्ते बनाना चाहते हैं।