राहुल गांधी ने कहा कि बेलगाम सत्ता का प्रतीक बन चुके बुलडोजर ने नागरिक अधिकारों को कुचलकर अहंकार के साथ लगातार कानून को चुनौती दी है। अक्सर बहुजनों और गरीबों के घर बुलडोजर के पहियों के नीचे आते हैं, जो तत्काल न्याय की आड़ में भय का शासन स्थापित करने के लिए चलाया जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि बेलगाम सत्ता का प्रतीक बन चुके बुलडोजर ने नागरिक अधिकारों को कुचलकर अहंकार के साथ लगातार कानून को चुनौती दी है। अक्सर बहुजनों और गरीबों के घर बुलडोजर के पहियों के नीचे आते हैं, जो तत्काल न्याय की आड़ में भय का शासन स्थापित करने के लिए चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं सुप्रीम कोर्ट इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करेगा और नागरिकों को भाजपा सरकारों के इस लोकतंत्र विरोधी अभियान से बचाएगा। देश सत्ता के चाबुक से नहीं, बाबा साहब के संविधान से चलेगा।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की थी। जस्टिस बीआर गवई ने मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘सिर्फ इसलिए घर कैसे गिराया जा सकता है कि वह आरोपी है? अगर वह दोषी है तो भी घर नहीं गिराया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को बताने के बाद भी…हमें रवैये में कोई बदलाव नहीं दिख रहा।’
याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ में शामिल जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा कि ‘किसी को भी कमियों का फायदा नहीं उठाना चाहिए। पिता का बेटा अड़ियल या आज्ञा न मानने वाला हो सकता है, लेकिन अगर इस आधार पर घर गिराया जाता है, तो यह तरीका नहीं है।’