कांग्रेस और गांधी परिवार से जुड़े तीन ट्रस्टों के कामकाज की जांच कराने के सरकार के फैसले को कांग्रेस ने कायरतापूर्ण कार्रवाई करार दिया है। वहीं, भाजपा ने कहा कि कांग्रेस इस तरह के आरोप लगाकर बच नहीं सकती है। अगर ईमानदार है तो आरोप लगाने के बजाय जांच में सहयोग करे। कांग्रेस व गांधी परिवार से जुड़े तीन ट्रस्टों की जांच कराने के सरकार के एलान के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘श्रीमान मोदी को लगता है कि पूरी दुनिया उनके जैसी ही है। उन्हें लगता है कि हर किसी की कीमत होती है या डराया जा सकता है। वह कभी नहीं समझेंगे कि जो सच के लिए लड़ते रहे हैं, उन्हें खरीदा और डराया नहीं जा सकता।’
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा का घृणा और कपटपूर्ण रुख हर दिन अपने घिनौने रूप में सामने आ रहा है। आरजीएफ ने गरीबों और वंचितों के लिए सेवा भाव से जो काम किए हैं, वे हमेशा मिसाल रहे हैं। फाउंडेशन किसी भी जांच में खरा उतरेगा। मोदी-शाह की सरकार ने विफलताओं पर सवाल उठाने वालों के खिलाफ जांच को अपना हथियार बनाया है। छह जवाबी सवाल दागते हुए सुरजेवाला ने पूछा…
- क्या मोदी सरकार पीएम-केयर्स फंड में चीनी कंपनियों के करोड़ों दान की जांच कराएगी?
2- क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को विदेशी संस्थाओं, कंपनियों और सरकारों से मिले अनुदान की जांच कराएगी?
3- क्या भाजपा के ओवरसीज फ्रेंड्स के जरिये आए धन की जांच होगी?
4- क्या 7000 करोड़ रुपये के राजनीतिक दलों के चुनावी बांड से आए चंदे की जांच होगी, जिसमें भाजपा भी शामिल है?
6- भाजपा को मिलने वाला चुनावी चंदा जो 2015-16 में 570.86 करोड़ रुपये था, वह 2018-19 में 2410 करोड़ रुपये पहुंच गया, तो क्या इस 500 फीसद उछाल की जांच होगी?
सुरजेवाला ने कहा कि जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार को जवाबदेह ठहराने की कांग्रेस की प्रतिबद्धता ऐसी कार्रवाईयों से और मजबूत होगी।
जवाब में भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन और महासचिव मुरलीधर राव ने कहा कि अगर यह राजनीतिक फैसला होता] तो छह साल का इंतजार क्यों करते। अब जबकि ट्रस्ट में अनियमितता सामने आ गई है, तो इसकी जांच जरूरी है। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि हर मामले में घोटाला करने वाली कांग्रेस अगर जांच से घबराई नहीं है, तो जांच में सहयोग करे। मुरलीधर राव ने कहा, ‘ये लेनदेन सार्वजनिक हैं। हमारी सरकार पारदर्शिता के लिए जानी जाती है। इतनी सारी जानकारियां सामने आने के बाद इन लेनदेन की जांच होना स्वाभाविकहै।’ अर्थव्यवस्था को लेकर राहुल की टिप्पणी पर राव ने कहा कि वह खुद को बुद्धिमान इंसान की तरह पेश करना चाहते हैं, जबकि जनता उन्हें बार-बार खारिज कर चुकी है।