कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को रिहा किए जाने की मांग की है। राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘लोकतंत्र को ज्यादा नुकसान उस समय पहुंचता है जब भारत सरकार (Government of India, GOI) गैरकानूनी तरीके से सियासी दलों के नेताओं को हिरासत में लेती है। ये बेहद माकूल वक्त है जब महबूबा मुफ्ती को रिहा कर दिया जाए।’ राहुल गांधी ने यह मांग ऐसे समय उठाई है जब महबूबा मुफ्ती की हिरासत को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
इससे पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम भी ऐसी ही मांग कर चुके हैं। बीते दिनों चिदंबरम ने कहा था कि पीएसए के तहत महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी का कानून का दुरुपयोग है। यह नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला है। चिदंबरम ने कहा था कि 61 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री चौबीसो घंटे सुरक्षा गार्डों की नजर में रहती हैं। फिर सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा कैसे हैं। बता दें कि पिछले साल जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती हिरासत में हैं।
सनद रहे पिछले साल महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 35ए को लेकर केंद्र सरकार को चेतावनी दी थी और कहा था कि राज्य में अनुच्छेद 35ए से छेड़छाड़ करना बारूद में आग लगाने जैसा होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि कोई हाथ अनुच्छेद 35ए को छूने की कोशिश करेगा तो न केवल वह हाथ, बल्कि सारा शरीर जलकर राख हो जाएगा। पिछले चुनावों के दौरान महबूबा मुफ्ती की यह धमकी एक मुद्दा भी बनी थी। भाजपा ने महबूबा मुफ्ती के इस बयान की कड़ी निंदा की थी और भारत की एकता और अखंडता के प्रति संकल्प जताया था