कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इंडिया टुडे को एक लंबा इंटरव्यू दिया है. इस इंटरव्यू में राहुल गांधी ने देश और दुनिया के तमाम मुद्दों पर बातचीत की है. 2019 के लोकसभा चुनाव से लेकर महागठबंधन तक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर ममता बनर्जी तक और आतंकवाद से लेकर कश्मीर समस्या तक, राहुल गांधी ने हर सवाल का जवाब दिया है.
एक बार सवाल जबाब को आप पढ़ लें
2019 के चुनावी मुद्दे पर
बीजेपी की सर्जिकल स्ट्राइक पर
नरेंद्र मोदी के गले लगने पर
नरेंद्र मोदी की विदेश नीति का मतलब है दुनिया के ज्यादा से ज्यादा नेताओं के गले लग जाना. मैंने नरेंद्र मोदी को गले लगाया था, तो मेरे गले लगने में प्यार भरा था. मैंने एक पीएम को देखा, जिनसे चीजें नहीं संभल रही थीं. मैंने एक ऐसे पीएम को देखा, जो यह महसूस कर रहे थे कि देश को चलाना किसी राज्य को चलाने जैसा नहीं है और वो फंस गए थे. वे एक के बाद एक गलतियां करते जा रहे थे. मुझ पर गुस्सा कर रहे थे, मुझ पर चिल्ला रहे थे. मुझे उनपर दया आई, उनके लिए प्यार महसूस हुआ. मैंने कहा, मैं आपको गले लगा रहा हूं, इसलिए मैंने उनको गले लगाया. गले लगाने में मेरा उनके लिए एक संदेश था, सुनिए मैं आपका विरोधी हूं लेकिन देशहित में मैं आपकी मदद करने के लिए तैयार हूं. मैं आगे बढ़ा, लेकिन उन्होंने मुझे दूर कर दिया.
रफेल के मुद्दे पर
सच तो यह है कि पीएम मोदी ने अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ रुपये दिए हैं. यह बात आप भी जानते हैं, मुझे भी पता है, पूरा देश जानता है. और अनिल अंबानी ने कभी प्लेन नहीं बनाया, ये भी सच है. मुझे सच बताना है और सच्चाई ये है कि चौकीदार ही चोर है. इससे पीछे हटने का सवाल ही नहीं है. कांग्रेस सत्ता में आएगी तो इसकी जांच शुरू होगी. दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा सौदा किसी ऐसे आदमी को दे दिया गया है, जिसने कभी विमान बनाया ही नहीं है.
अखिलेश-मायावती के साथ गठबंधन पर
हम उत्तर प्रदेश में गठबंधन करना चाहते थे, लेकिन समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को लगा कि उन्हें हमारी ज़रूरत नहीं है. मैंने उनकी इच्छा का सम्मान किया और कहा कि ठीक है. अकेले लड़ो, लेकिन हम भी अपनी जगह हासिल करने जा रहे हैं. मैंने प्रियंका और ज्योतिरादित्य से साफ कहा है कि हमारा सबसे बड़ा एजेंडा है यूपी में भाजपा को हराओ.
आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन न होने पर
हमने आम आदमी पार्टी के साथ चर्चा की. उनके साथ सीट साझेदारी की एक सहमति बन गई थी कि चार पर वह लड़ेंगे, हमारे लिए तीन छोड़ेंगे. और जब मैं और मेरी पार्टी इस बात पर सहमत हो गई तो केजरीवाल ने कहा कि गठबंधन की बात में अब हरियाणा और पंजाब को भी जोड़ना चाहते हैं. उनका कहना गलत है कि मैं पीछे हटा. जब मैं कुछ कहता हूं मैं अपने वचन पर अडिग रहता हूं. आप मेरा पुराना ट्रैक रिकॉर्ड देखें और खुद इस पर फैसला करें.
नरेंद्र मोदी से सीखने लायक एक चीज पर
2014 की हार का सबसे बड़ा सबक