राहुल ने फिर पीएम मोदी पर साधा निशाना, बोले- क्यों कई तानाशाहों के नाम M से होते हैं शुरू

जेएनएन। कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी इन दिनों सोशल मीडिया पर कुछ ज्‍यादा ही सक्रिय नजर आ रहे हैं। राहुल अपने सोशल मीडियो पोस्‍ट में ज्‍यादातर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हैं। हालांकि, इस बार भी उन्‍होंने अपने हालिया ट्वीट में पीएम मोदी पर ही निशाना साधा है। राहुल गांधी ने ट्वीट में पूछा है,- आखिर क्‍यों कई तानाशाहों के नाम ऐसे हैं जो एम(M) अक्षर से शुरू होते हैं?

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में मार्कोस, मुसोलिनी, मिलोसेविक, मुबारक, मोबुतू, मुशर्रफ, माइकोमबेरो का नाम लिख है। फर्डीनेंड मार्कोस पूर्व फिलीपींस के राष्‍ट्रपति रहे हैं। वहीं, बेनिटो मुसोलिनी पूर्व इटली राष्‍ट्रपति, मिलोसेविक स्‍लोबोडान पूर्व सर्बिया राष्‍ट्रपति, हुस्‍ने मुबारक पूर्व मिस्र राष्‍ट्रपति, मोबुतू सेसे सीको पूर्व मोरक्‍को राष्‍ट्रपति, परवेज मुशर्रफ पूर्व पाकिस्‍तानी राष्‍ट्रपति, और मिशेल माइकोमबेरो पूर्व सोमालिया राष्‍ट्रपति थे।

दरअसल, राहुल गांधी ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का समर्थन किया है। इधर, पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को राजनीतिक पार्टियों का समर्थन मिलता देख गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम किए हैं, ताकि उपद्रवी शांति व्‍यवस्‍था को भंग न कर सकें। इसी को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

बता दें कि किसानों ने 6 फरवरी को चक्‍का जाम करने की घोषणा की थी। ऐसे में दिल्‍ली की सीमाओं पर पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए कई इंतजाम किए गए। हालांकि, अब भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि 6 फरवरी को दिल्ली-एनसीआर में चक्का जाम नहीं किया जाएगा। टिकैत का कहना है कि किसानों को दिल्ली में प्रवेश ही नहीं करना है, तो ऐसे में 6 फरवरी को चक्का जाम करने का सवाल ही नहीं उठता है।

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं
कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.
-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.

-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.

अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g

आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ