रायबरेली। सलोन थाना क्षेत्र की एक पीड़िता अनारकली (नाम बदला हुआ) ने आज एसपी कार्यालय पहुँचकर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन थाने में उसकी सुनवाई न होने से निराश होकर वह सीधे एसपी से मिलने पहुँची। मगर, एसपी कार्यालय में ही उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, और वह बेहोश हो गई। मौके पर मौजूद पत्रकारों ने तुरंत एंबुलेंस बुलाकर उसे अस्पताल पहुँचाया, जहाँ उसका इलाज चल रहा है।
पीड़िता अनारकली ने बताया कि उसने सलोन थाने में अपने खिलाफ हुई घटना की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने उसकी सुनवाई नहीं की और न ही कोई कार्रवाई की। कई दिनों तक इंतजार करने के बाद भी जब न्याय नहीं मिला, तो वह सीधे एसपी कार्यालय पहुँची। हालाँकि, एसपी से मिलने से पहले ही उसकी हालत बिगड़ गई। जैसे ही अनारकली की तबीयत खराब हुई, वहाँ मौजूद पत्रकारों ने तुरंत एंबुलेंस को सूचना दी और उसे नजदीकी अस्पताल पहुँचाया। डॉक्टरों के अनुसार, उसकी हालत गंभीर नहीं है, लेकिन तनाव और कमजोरी के कारण वह बेहोश हो गई थी। इस घटना ने एक बार फिर पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि थाने में उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया, जिसके कारण उन्हें एसपी के पास जाना पड़ा। स्थानीय नागरिक संगठनों ने भी पुलिस की लापरवाही की निंदा की है और माँग की है कि पीड़िता की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाए।मामले की जानकारी मिलते ही एसपी ने पीड़िता के परिजनों से बात की और आश्वासन दिया कि उनकी शिकायत की गंभीरता से जाँच की जाएगी। साथ ही, उन्होंने सलोन थाना प्रभारी को निर्देश दिए कि पीड़िता के मामले में तुरंत उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। अनारकली की हालत अब स्थिर है, लेकिन यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि क्या पुलिस प्रशासन आम नागरिकों को न्याय दिलाने में वाकई गंभीर है?