रायबरेली: यूपी सरकार लगातार स्वास्थ्य व्यवस्था को अपने मातहतों को व्यवस्थित करने के लिए निर्देश देने से लगातार चूक नहीं रही है।गरीबों के हित के लिए करोड़ों रुपए की दवा और इलाज के लिए निर्गत किए जाते हैं।लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते गरीब जनता को बगैर पैसे के इलाज न होने का खामियाजा भुगतना पड़ता है। यहां इलाज के अभाव भाव में एक बच्ची की मौत हो गई है। यहाँ रायबरेली जिले में ऊंचाहार थाना क्षेत्र के जलालपुर मजरे इटोरा बुजुर्ग के रहने वाले एक पिता ने अपनी बच्ची को 2 दिन पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बीमारी की गंभीरता को देखते हुए जिला अस्पताल से बच्ची को एम्स रायबरेली के लिए रेफर कर दिया गया।यहाँ बच्ची को एम्स प्रशासन द्वारा इलाज के लिए इमरजेंसी में भर्ती नहीं किया गया।इस दौरान उसे बच्ची की मौत हो गई। वहीं मृतक बच्ची के परिजनों के मुताबिक बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल रायबरेली से रेफर करने के बाद जब हम लोग इलाज के लिए बच्ची को एम्स लेकर गए तो वहां पर इमरजेंसी में बैठे डॉक्टर ने बच्ची के इलाज के दाखिले को लेकर मना कर दिया हम लोग एम्स प्रशासन के सामने बच्ची के इलाज के लिए रोते और गिड़गिड़ाते रहे लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। हमारे पास न पैसा है न कोई ऊंची पहुंच जिससे हम अपनी बच्ची का इलाज कर पाते। अंत में हम लोग एम्स के बाहर गेट के सामने बैठकर बच्ची के इलाज के लिए एम्स में भर्ती करने को लेकर इंतजार करते रहे और आज दोपहर 1:00 बजे बच्ची की मौत हो गई। उसके बाद हम लोग एम्स के प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अपनी मासूम बच्ची के शव को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने पहुंचे हुए हैं जहां पर एम्स के प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग कर रहे हैं ।