रायबरेली: प्रसूता के परिजनों ने स्टाफ नर्स पर प्रसव के नाम पर प्रसूता के पति से 1100 रुपये वसूलने का आरोप लगाया

खीरों (रायबरेली) – थाना क्षेत्र के सीएचसी खीरों में गुरुवार की रात एक नवजात शिशु की मौत हो गयी । नाराज प्रसूता के परिजनों ने शिशु के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया । प्रसूता के परिजनों ने स्टाफ नर्स पर प्रसव के नाम पर प्रसूता के पति से 1100 रुपये वसूलने का आरोप लगाया। लगभग एक घण्टे तक रोते बिलखते परिजनों के हंगामा करने व डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों से नोकझोंक के बाद सीएचसी में मौजूद कुछ बाहरी लोगों द्वारा समझाने पर परिजन शान्त हो गए । मेड़ौली निवासी देवीशंकर ने आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी पूजादेवी को गुरूवार को सुबह लंगभग 9:55 बजे प्रसव हुआ था । जन्म के समय जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ थे । प्रसव के दौरान एक स्टाफ नर्स ने वार्ड आया कि सहयोग से प्रसव कराया था । प्रसव के समय कोई महिला डॉक्टर प्रसव कक्ष में मौजूद नहीं थी । प्रसव के दौरान उक्त स्टाफ नर्स ने देवीशंकर से प्रसव कराने के नाम पर 1100 रुपये मांगे । गरीबी के कारण वह पैसे तुरंत नहीं दे सका । लंगभग आधे घंटे बाद दूसरे से कर्ज लेकर उसने स्टाफ नर्स को 1100 रुपये दिए । जन्म के बाद शिशु का टीकाकरण हुआ । टीकाकरण के बाद नवजात शिशु की हालत बिगड़ने लगी । प्रसूता पूजादेवी के साथ मौजूद तीमारदारों ने डॉक्टर से बच्चे के अस्वस्थ होने की जानकारी दी । डॉक्टर ने बाहर से कुछ दवाएं लिखी और बच्चे को दवा पिलाने की सलाह दी । इस दौरान स्टाफ नर्स ने बताया कि बच्चे को ऑक्सीजन की आवश्यकता है जो शाम को 6 बजे दी जाएगी । लेकिन कहने के बाद भी बच्चे को आक्सीजन भी नहीं दिया गया और रात लंगभग 8 बजे नवजात शिशु की मौत हो गयी । सीएचसी में मौजूद परिजनों में शिशु की मौत से कोहराम मच गया । दुःखी और नाराज परिजनो ने सीएचसी परिसर में हंगामा शुरू कर दिया । लगभग एक घण्टे तक हंगामा करने और स्वास्थ्य कर्मियों व डॉक्टर से नोकझोंक के बाद ग्रामीणों के समझाने पर परिजन मामले की शिकायत जिलाधिकारी से करने की बात कहकर शांत हो गए ।
सीएचसी में मौजूद डॉ मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि जन्म के समय बच्चे का वजन सामान्य से कम था । परिजनों को बच्चे को जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई थी । इलाज में लापरवाही नहीं कि गयी है । स्टाफ नर्स द्वारा पैसे लेने का मामला संज्ञान में नहीं है । उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत कराया जाएगा और मामले की जाँच कराकर स्टाफ नर्स के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की जाएगी ।