महराजगंज/रायबरेली: महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना की सरेआम भज्जियां उड़ रही है। ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी की मिलीभगत से मनरेगा में बाल श्रमिक कार्य कर रहे हैं। मनरेगा के तहत करवाए जा रहे कार्य में 10 से 15 वर्ष तक के आधा दर्जन बच्चे लगे हुए। सरकारें बाल श्रम रोकने के लिए करोड़ों रुपए बर्बाद कर रही है। फिर भी जनप्रतिनिधि अधिकारियों की मिलीभगत से बाल श्रम रोकने की बजाय खुद बच्चों से काम करा रहे हैं।
आपको बता दें कि, महराजगंज विकासखंड क्षेत्र के पाली ग्राम सभा में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना से कच्चे मार्ग का निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें 10 से 15 वर्ष के बच्चे मजदूरी कर रहे हैं। मजे की बात यह है कि, कई मजदूरों के पास तो जॉब कार्ड भी नहीं है, फिर भी उन से काम लिया जा रहा है। जबकि बिना जाब कार्ड के उन्हें काम नहीं मिलना चाहिए। नाम ना छापने की शर्त पर ग्रामीणों का कहना है कि, ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत अधिकारी की मिलीभगत से सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है।
पाली ग्राम पंचायत में बाल श्रमिकों से कार्य करवा कर ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम प्रधान बाल श्रम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं, जहां शासन का दिशानिर्देश कोई मायने नहीं रखता। बिना जॉब कार्ड के जब किसी श्रमिक को कार्य नहीं दिया जा रहा है, तो आखिर पाली ग्राम पंचायत में इतना बड़ा खेल कैसे हो रहा है। ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम प्रधान की मिलीभगत से सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर पानी फेरने का कार्य किया रहा है।
इस मामले में जब खण्ड विकास अधिकारी प्रवीण कुमार से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि, सचिव को भेजकर दिखवा रहे हैं।
सवांददाता: सर्वोदय मौर्य