रायबरेली: प्रदेश सरकार की छवि को मटिया मेट करने में उतारू हैं , एनएचआई के अधिकारी सरकारी धन का बंदरबांट कर रहे ठेकेदार और कर्मचारी



रायबरेली। प्रदेश सरकार जहां एक ओर सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का समय-समय पर दिशा-निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दे रही है। वही अधिकारी सरकार की मंशा पर पानी फेरने में लगे हुए हैं। इसका अंदाजा सेमरी चौराहे पर कानपुर-रायबरेली मार्ग देखकर लगाया जा सकता है। खीरों विकास खण्ड की सेमरी चैराहे पर रायबरेली-कानपुर मार्ग की हालत बद से बत्तर हो गई है। मार्ग पर इतने बड़े -बड़े गड्ढे हो गए है कि सड़क तालाब में तब्दील हो गई है।
गौरतलब है कि अधिकारियों और ठेकेदारों के मनमानी के चलते गड्ढा मुक्त अभियान का माहौल बनाया जा रहा है। जिस तरह से प्रदेश की सरकार ने गड्ढा मुक्त बनाने के लिए करोड़ो का बजट मुहैया करा रही है। ठेकेदारों और अधिकारियों द्वारा आधा-अधूरा गड्ढा मुक्त कराकर सरकारी धन डकारने में कामयाब हो रहे हैं। जिस तरह से उन्नाव से लेकर बिहार(उन्नाव)तक सड़क को गड्ढा मुक्त कर दिया गया। लेकिन बिहार से लेकर लालगंज तक रोड की हालत बद से बदतर हो गई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार द्वारा गड्ढा मुक्त के लिए बजट तो दिया गया। लेकिन अधिकारियों और ठेकेदारों द्वारा सरकारी धन का बंदरबांट कर दिया गया। वही क्षेत्रीय नागरिकों ने भी इस सड़क के निर्माण के लिए कई बार शासन एवं प्रशासन के अधिकारियों को अवगत कराया किंतु इस सड़क के निर्माण की ओर किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं जा सका है। जिसके चलते यह सड़क आज भी गड्ढा मुक्त अभियान को मुंह चिढ़ाते हुए नजर आ रहे। प्रदेश सरकार के विभागीय अधिकारियों को गड्ढा मुक्त सड़कों का अभियान चलाए जाने का दिशानिर्देश समय-समय पर देती रहती है। विभागीय अधिकारियों सरकार के दिशा निर्देशों को ठेंगा दिखा रहे थे। इस सड़क में अधिकांश गड्ढे होने के कारण राहगीर आए दिन गिरकर गंभीर रूप से चोटिल होते हैं। कई सड़क हादसे से हुए जिनमें राहगीर गंभीर रूप से घायल हुए और कस्बा वासियों की मानें तो इस सड़क को गड्ढा मुक्त करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को तथा क्षेत्रीय सांसद व विधायक से भी गुहार लगाई गई लेकिन किसी का ध्यान इस पर आकर्षित नहीं हो रहा है।