रायबरेली -तो क्या अब पुलिस के हिसाब से करनी होगी पत्रकारिता ।


डलमऊ /रायबरेली – डलमऊ गंगा पर समाचार संकलन करने से रोके जाने का एक आडियो सोशल मीडिया पर जोर शोर से वायरल हो रहा है। यह आडियो डलमऊ कोतवाली प्रभारी और एक हिंदी अखबार के बीच हुई आपसी बहस का बताया जा रहा है। आडियो वायरल होने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। अधिकारी भी अब अपना बचाते नजर आ रहे हैं।
सोमवार को भाद्र मास की पूर्णिमा पर विभिन्न क्षेत्रों एवं जनपदों से श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करने आये थे। इसी दौरान डलमऊ गंगा मार्ग से लेकर गंगा घाट तक भारी भीड़ की वजह से जाम लगने लगा। इस दौरान पुलिस विभाग द्वारा भारी भीड़ को देखकर मेले को मुराई बाग से श्मशान घाट की तरफ डायवर्जन कर दिया है। इसी दौरान पुलिस के एक दरोगा ने मीडिया कर्मी को समाचार संकलन करने से रोका गया, पत्रकार द्वारा पत्रकार परिचय पत्र दिखाने के बावजूद भी पुलिस विभाग के हटी दरोगा ने पत्रकार को कवरेज करने से रोक दिया। इतना ही नहीं उसके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग भी किया गया, इसके बाद डलमऊ पक्के घाट पर कांस्टेबल ने पत्रकार को कवरेज करने से रोका साथ ही उसको अपशब्द भी कहे इतना ही नहीं उपरोक्त कांस्टेबल ने बताया कि मेरी पहुंच बहुत ऊंची है, तुमको जो करना हो कर लो। भाजपा सरकार में पुलिस की इस तरह की गुंडई समाज के चौथे स्तंभ के साथ बढ़ती जा रही है मानव जैसे वह शत्रु। फिलहाल मामले की शिकायत कोतवाली प्रभारी और उच्च अधिकारियों को ट्विटर के माध्यम से दी गई है। पक्के घाट पर तैनात उपरोक्त कांस्टेबल ने गंगा घाट पर स्नान करने आए श्रद्धालुओं पर ही वर्दी का रौब गांठता रहा, वर्दी की रोक देख वहां पर सभी लोग दहशत में रह गए इतना ही नहीं उपरोक्त कांस्टेबल अपने कान पर हेड लीड लगाकर खुलेआम गुंडई करता दिखाई दिया। इसी दौरान एक मीडियाकर्मी ने कांस्टेबल द्वारा की जा रही गुंडागर्दी की फोटो खींच ली गई।