रायबरेली : मनरेगा का बकाया पैसा ना मिलने से परेशान श्रीमिक

गांवों में श्रमिकों के पलायन को रोकने के लिए संचालित मनरेगा योजना के सामने बजट का संकट खड़ा हो गया है। काम करने के बाद भी एक लाख से अधिक श्रमिकों को करीब ढाई माह से मजदूरी का इंतजार करना पड़ रहा है। श्रमिकों की करीब 18 करोड़ रुपये की मजदूरी बाकी है। इसके अलावा मनरेगा के 742 कर्मियों को भी करीब पांच माह से मानेदय नहीं मिला है। ऐसे में गांवों में श्रमिक मनरेगा में काम करने से आनाकानी करने लगे हैं। इससे गावों में काम प्रभावित होता जा रहा है।
पिछले ढाई माह में एक लाख से अधिक श्रमिकों ने मनरेगा में काम किया, लेकिन अब तक उन्हें मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है। ब्लॉक स्तर व वीडियो के स्तर से भुगतान की प्रक्रिया पूरी कर दी गई, लेकिन शासन से बजट न मिल पाने के कारण श्रमिकों को मजदरी के लिए, दर दर भटकना पड़ रहा है। श्रमिक रोजाना मजदूरी के लिए प्रधान के दरवाजे पहुंच रहे हैं। प्रधान भी ब्लॉकों में बजट को लेकर अपना रोना रो रहे है और अपनी दिहाड़ी मजदूरी का आस लगाए बैठे हुए है मजदूर जानकारी लेने में जिले को 18 करोड़ रुपये मिले तो श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान हो सके। इसके अलावा मनरेगा में 19 अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, 14 कंप्यूटर ऑपरेटर, 650 ग्राम रोजगार सेवक और 59 तकनीकी सहायक काम कर रहे हैं। इन कर्मियों को भी मानदेय का भुगतान नहीं मिला है।

पैसे ना मिलने पर मनरेगा में
बछरावां ब्लॉक क्षेत्र के नीवां, मुबारकपुर सांपों, मदाखेड़ा, पस्तौर आदि ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कार्य ठप हो गए हैं। मजदूर मजदूरी न मिलने के कारण श्रमिक काम पर आने से मना कर चुके हैं। मनरेगा में काम करने वाले कसरावां निवासी रामप्रसाद, नीवां निवासी भगवती प्रसाद, खैरहनी निवासी बाबूलाल और इचौली निवासी मेवा लाल, का कहना है कि वह सभी अपने परिवार का पालन पोषण के लिए मनरेगा में काम करने जाते थे। बीते तीन माह से उन्हें मजदूरी नहीं मिली है। अब काम करने की इच्छा नहीं कर रही है। कोई सुनने को तैयार ही नहीं है। सभी कहते हैं कि बजट आएगा तो मजदूरी मिलेगी।

मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों को मजदूरी के भुगतान के लिए जिले स्तर से प्रक्रिया पूरी कर दी जा रही है। बजट की व्यवस्था न हो पाने के कारण श्रमिकों के खातों में मजदूरी नहीं पहुंच पा रही है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। जल्द ही मजदूरी और मानदेय का भुगतान होगा।
रविशंकर पांडेय, उपायुक्त (मनरेगा) रायबरेली ने बताया की जिले में 661 ग्राम पंचायत में 16087मजदूर काम कर रहे है 178 आंगनवाड़ी में 22 आंगनवाड़ी बनकर तैयार हो चुकी है शेष पर काम चल रहा है। 75 राशन की दुकान में 47 पूर्ण हो गई है। 142 स्कूलों में बाउंड्री वालों का काम शुरू है। 200 तालाबों को मत्स्य पालन विभाग के तहत पट्टये दिए जाएंगे ।

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