रायबरेली: सेवानिवृत्ति शिक्षक अंतिम सांस तक राष्ट्र प्रहरी-आशुतोष शुक्ल

विकासखंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय देवइया में सेवानिवृत्ति हुए प्रधानाध्यापक जियालाल के सम्मान में एक विदाई समारोह का आयोजन विद्यालय परिसर में किया गया l जिसकी अध्यक्षता उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ बछरावां के सरंक्षक त्रिभुवन नाथ दीक्षित द्वारा की गई।

क्षेत्र के देवयया विद्यालय से सेवानिवृत्त हुए प्रधानाध्यापक जियालाल का सम्मान उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष आशुतोष शुक्ल द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया।श्री शुक्ल ने इस अवसर पर कहा कि, शिक्षक कभी सेवानिवृत्ति नहीं होता। वह अंतिम सांस तक राष्ट्र के सशस्त्र प्रहरी का निर्माण करता रहता है। आज बड़े सौभाग्य का विषय है की विभागीय सेवा से निवृत्त हुए मेरे प्रेरणास्रोत शिक्षक का सम्मान करने का अवसर मुझे प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि, विद्यालयों में जो प्रार्थना करवाई जाती है, की वह शक्ति हमें दो दयानिधे की संपूर्ण पंक्तियों को जीवन में अक्षरशः उतारने वाले लोग कभी भी किसी भी क्षेत्र में असफल नहीं हो सकते।
सेवानिवृत्ति प्रधानाध्यापक के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने ने कहा कि इस प्रकार के प्रेरणा स्रोत शिक्षक विरले ही मिलते है जिन्होंने ने इस सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों के लिए शिक्षा की एक अलख जलाई एवम् तथा उन्हीं बच्चों के लिए दो-दो बार उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक पद पर अपनी पदोन्नति छोड़ दी l जिससे कि वह अपने इन्हीं बच्चों के साथ सेवा के अंतिम दिन तक रह सके l तथा वह आज भी गावं का भ्रमण कर सभी का हालचाल लेते रहते है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ बछरावां के संरक्षक त्रिभुवन नाथ दीक्षित ने कहा कि ईश्वर से यही प्रार्थना है कि आपका जीवन सुख, समृद्धि, शान्ति व खुशहाली भरा हो, आप दीर्घायु हों आपके निर्देशन व मार्गदर्शन में विकास खंड क्षेत्र बछरावां पूर्व की भांति शैक्षिक गतिविधियों में जिला/प्रदेश स्तर पर निरन्तर अपना कीर्तिमान स्थापित करता रहे,आपकी यश कीर्ति में निरन्तर वृद्धि होती रहे।

जनपदीय संगठन मंत्री व ब्लॉक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष लोकतंत्र शुक्ल ने कहा कि सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक ने अपने जीवन का अमूल्य समय शिक्षा के उन्नयन हेतू न्योछावर कर दिया है और इतनी लम्बी सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त गुरु जी द्वारा शिक्षा के क्षेत्र मे दिये गये योगदानों के लिये हम उन्हें नमन करते हैं।

विद्यालय की शिक्षिका लक्ष्मी जायसवाल एवम् ब्रजेश कुमार द्वारा उन्हें अंग वस्त्र एवम् प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। विद्यालय की सहायक शिक्षिका लक्ष्मी जायसवाल ने अपने संबोधन में सेवानिवृत शिक्षक जियालाल के कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह छात्र-छात्राओं के शिक्षक नहीं थे बल्कि हम जैसे शिक्षकों के अभिभावक की तरह थे। उन्होंने हमलोगों को भी रूचिपूर्ण ढंग से पढ़ाने के अपने अनुभव दिए। हमेशा शांत और मृदुल व्यवहार करने वाले सदा हम सभी की सहायता करने के लिए हर समय तत्पर रहते थे।

इस विदाई समारोह के दौरान विद्यालय के समस्त शिक्षक व शिक्षिकाओं के अतिरिक्त छात्र एवं छात्राओं सहित काफी संख्या में क्षेत्र के अभिभावक भी मौजूद रहे।