लालगंज रायबरेली।रेल पहिया कारखाना का निरीक्षण करने पहुंचे कुलस्ते ने कहा कि पहिया उत्पाद के लगभग सभी ट्रायल पूरे हो चुके हैं और जल्द ही एक लाख सालाना की दर से पहियों का उत्पाद अक्टूबर के अंत तक शुरू हो जाएगा। यहां यह भी बताते चलें कि रायबरेली का रेल पहिया कारखाना देश का इकलौता कारखाना है जहाँ फोर्ज्ड विधि से पहियों का उत्पाद किया जाएगा।रायबरेली के आधुनिक रेल पहिया कारखाने में तैयार व्हील्स 300 किलोमीटर प्रति घंटा तक की ट्रेनों की गति को सपोर्ट करेंगे।यहां तैयार पहिया भविष्य में प्रस्तावित बुलेट ट्रेन में भी थोड़े बदलाव के साथ इस्तेमाल किया जा सकेगा।जर्मन तकनीक से तैयार यहां के पहिये अंतिम आरडीएसओ जांच के बाद रेल कोच कारखानों को सप्लाई किये जाएंगे। इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले इस कारखाने का 2013 में सोनिया गांधी ने शिलान्यास किया था।जर्मन विशेषज्ञों की देखरेख में यहां 8 फरवरी 2020 को पहला फोर्ज्ड व्हील बन कर तैयार हुआ था।बीच में कोरोना के चलते ट्रायल का काम लेट हुआ और इसी वर्ष जुलाई माह में फिर से कार्य शुरू हुआ।अब तक ट्रायल के सभी कार्य पूरे हो चुके हैं जिसका निरीक्षण करने ही इस्पात राज्य मंत्री आज यहां पहुंचे हैं।माना जा रहा है कि इसके रूटीन उत्पादन का कार्य अक्टूबर अंत तक शुरू हो जाएगा जिसे राष्ट्र को समर्पित करने पीएम मोदी आ सकते हैं।
क्या इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का वादा पूरा कर पाएगा रेल पहिया कारखाना रायबरेली
यहां एक बड़ा सवाल यह भी है की जर्मन तकनीक पर आधारित इस फैक्टरी में बिना जर्मन इंजीनियरों के बैगेर 1लाख प्रतिवर्ष पहिए का निर्माण कर पाना मुश्किल लग रहा है। क्योंकि पिछले 8 वर्षो में यह फैक्टरी अभी ट्रायल पर ही चल रही है।और 8 वर्षो में सिर्फ 75 पहियों का निर्माण ही कर पाई ।
रायबरेली पहिया फैक्ट्री ने मोदी जी के मेक इन इंडिया योजना की भी कराई किरकिरी
एक तरफ प्रधानमंत्री जी एवम रेल मंत्री जी रेल पहिया कारखाना के बगल में स्थिति आधुनिक रेल कोच फैक्ट्री रायबरेली के उत्पादन का क्रेडिट लेने में एवम अपनी सरकार की वाहवाही करने से पीछे नहीं हटते और कहते है कि 2014 के पहले आधुनिक रेल कोच फैक्ट्री रायबरेली में कपूरथला से कोच मगा के केवल डेट पेंट नट बोल्ट कसने का कार्य किया जाता था । हमारी सरकार आने के बाद आधुनिक रेल कोच फैक्ट्री रायबरेली में कोच उत्पादन का कार्य शुरू हुआ और हमने वहां 1000 कोच उत्पादन की फैक्ट्री में 2000 कोच बनवाएं यह हमारी सरकार की मेक इन इंडिया योजना के तहत हुआ। वहीं रेल कोच फैक्ट्री की जमीन पर ही स्थित रेल पहिया कारखाने में उसके उल्ट सरकार की फजीहत करा रही पहिया कारखाना रायबरेली ने 2013 के बाद उत्पादन शुरू क्या पिछले 8 वर्षों में सिर्फ 75 पहियों का निर्माण हुआ और फैक्टरी अभी ट्रायल पर ही चल रही है। जिससे रेल पहिया फैक्ट्री रायबरेली मोदी जी की मेक इन इंडिया योजना को भी पलीता लगा रही है
सवांददाता: सर्वोदय मौर्य