रायबरेली: खैरहना का विवाद नहीं संभाल पाई पुलिस, जांच को पहुंची एसडीएम

महराजगंज/रायबरेली: थाना क्षेत्र के खैरहना ग्राम सभा में चुनावी रंजिश को लेकर शुरू हुई गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। एक महीने में ग्राम सभा के अंदर आगजनी, मारपीट समेत कई बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। उसके बाद भी महराजगंज पुलिस आरोपियों को सुधार पाने में नाकाम साबित हुई है। यही कारण है कि गुरुवार को एक बार पुनः ग्राम प्रधान के गुर्गों ने विरोधी वोटर को अकेला पाकर बुरी तरह मारा-पीटा। यह घटना उस समय हुई जब पीड़ित मोइनुद्दीन पुत्र इमामुद्दीन बाजार सब्जी लेने गया था। आरोप है कि वापस लौटते समय प्रधान पुत्र साहिल, भाई शब्बीर, चचेरे भाई इमरान, मंसूर अली समेत करीब आधा दर्जन लोगों ने लाठी डंडों से लैस होकर घेर लिया और अकेला पाकर बुरी तरह पिटाई की। जिससे पीड़ित को काफी चोटें आईं। रात को ही पीड़ित ने कोतवाली पहुंच कर रात को ही मामले की तहरीर दी। जिस पर पुलिस ने घायल को जिला अस्पताल भेजकर मेडिकल कराया। बावजूद इसके पुलिस 24 घंटे के अन्दर एक भी आरोपी गिरफ्तार नहीं कर सकी। दूसरी तरफ इसी गांव में एक दूसरे मामले में गुरुवार को ही जब पुलिस को आरोपी नहीं मिले तो दबाव बनाने के लिए उनके घर से महिलाओं को उठा लिया गया। लेकिन ठीक उसी शाम को घटित इस बड़ी घटना में पुलिस मूकदर्शक बनी रही। इनके घर न तो महिलाएं उठीं और न ही कोई आरोपी पकड़ा गया। इस तरह पुलिस के फेल होने पर मामला हाई प्रोफाइल बनने के बाद डीएम के निर्देश पर शुक्रवार को उप जिला मजिस्ट्रेट अंशिका दीक्षित, नायब तहसीलदार रितेश सिंह खैरहना पहुंचे। उन्होंने मामले की जांच पड़ताल के बाद सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। दूसरी तरफ पुलिस अधीक्षक ने घटना का गंभीरता से संज्ञान लिया है। एसपी के निर्देश पर देर शाम महराजगंज पुलिस खैरहना पहुंची और उसके बाद इमामगंज में भी पुलिस ने खूब उत्पात मचाया। इस दौरान तेजी दिखाने के लिए पुलिस पर कई ऐसे घर जिनसे घटना से कोई संबंध नहीं था उनसे भी मारपीट की। कई गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। जिसे लेकर प्रभारी निरीक्षक रेखा सिंह की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है। उन पर पक्षपात का भी आरोप लग रहा है।