नहर विभाग के अधिकारी व ठेकेदार की मनमानी की वजह से किसानो को परेषान होना पड़ रहा है। नहर के टेडर के बाद भी नहर की सफाई न होने से किसानो में आक्रोष है। हर वर्श गेहंू की फसल के पहले षोरा-जबहा नहर की खुदाई व सफाई कार्य होता है। लेकिन इस बार नहर की सफाई नही कराई गई है। जनपद की सबसे बडी़ नहर षोरा-रजबहा नहर जो लगभग 15 से 20 किलोमीटर लम्बी है। इसी नहर से ज्यादा किसान फसल की सिचांई करते है। टेडंर होने के बाद भी ठेकेदार द्वारा नहर की सफाई नही कराई गई है बल्कि नहर की बिना सफाई के ही नहर में छोड़ दिया है। जिसका खमियाजा किसानो का भुगतना पड़ रहा है। नहर पटी होने की वजह पानी का बहाव सही से न हो पाने की वजह से गुनावर के पास नहर कट भी गई है। किसानो को गेहंू की सिचांई करने के लिए नहर के पानी की अत्यधिक आवष्यकता है। लगभग 50 हजार से अधिक किसान गेहूं की फसल की सिचांई करते है। गुनावर से निकली ये नहर सलेमपुर, मझिगवा, सरगही, कासो, सोईबाग, कठवारा, टेरी, महाबलसिंह का पुरवा और पहांड़पुर सहित कई गांवो के किसानो को लाभ पहुंचाती है। रजबहा नहर की सिल्ट सफाई के लिए सिचांई विभाग द्वारा टेंडर प्रक्रिया में मेसर्स षरद कान्सट्रक्षन नाम की फर्म को सफाई का जिम्मा मिला और 20 नवम्बर से 4 दिसबंर तक पद्रह दिनों में कार्य समाप्ति का अनुबंध हुआ लेकिन ठेकेदार द्वारा रजबहा की सिल्ट नही साफ कराई गई और नहर में पानी छोड़ दिया गया। वही सरगही गांव के रहने वाले माता प्रसाद ने बताया कि नहर की सफाई न होने से फसल खराब हो रही है और नहर आगे कट भी गया है। गेहूं की फसल की सिचांई नही हो पा रही है। सायद सरकारी के पास पैसा नही है इसीलिए अबकी बार नहर की सफाई नही हुई है। किसानों में विभाग के प्रति आक्रोष व्यप्त है। मुख्य अभियंता प्रभाकर प्रसाद ने बताया नहर की सफाई बीच में नहर बन्द होने पर कराई जाएगी और लापरवाही करने वाली फर्म को रिजेकट कर कार्रवाई की जाएगी। विभागिया कार्रवाई के लिए अधिषाशी अभियंता को निर्देषित कर दिया गया है।