रायबरेली के डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के घोरवारा चौकी में बीती रात पूर्व फौजी को पुलिस ने जमकर पीटा। पिटाई व थर्ड डिग्री दिए जाने के मामले में सवर्ण आर्मी संगठन के जिला अध्यक्ष ने पुलिस को चेतावनी दी है कि इस मामले में जल्द ही पुलिस के अधिकारी निष्पक्ष रूप से जांच करवाकर पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं तो बड़ा आंदोलन जिले में किया जाएगा।
अध्यक्ष ने बताया कि मुझे जानकारी मिली है कि पटाखा खरीदारी के दौरान फौजी के बेटे के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी। मामले की जानकारी जुटाने पूर्व फौजी गया था, जहां कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा बदसलूकी की गई। विरोध करने पर चौकी पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने फौजी इंदर सिंह की बर्बरता से पिटाई की है। खुद को बचाने के लिए पुलिस ने फौजी के पास से लाठी डंडा सरिया, कट्टा और कारतूस की बरामदगी दिखाकर अधिकारियों को गुमराह किया है।
जिला अध्यक्ष ने बताया कि फौजी की पत्नी से मेरी फोन पर वार्तालाप हुई है, उन्होंने बताया कि घर में सिर्फ महिलाएं थीं। बिना किसी वारंट के पुलिस घर में घुसकर बच्चों को घसीटते हुए कमरों से ले गई है। कोई चौकी पर जाएगा तो लाठी, डंडा, सरिया और कट्टा लेकर नहीं जाएगा, यह पुलिस पर सवाल है। जिला अध्यक्ष ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि फौजी के साथ मारपीट करने वाले आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर किसी अन्य सर्किल के सीओ से मामले की जांच करवाएं।
वहीं रायबरेली राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में रिटायर्ड फौजी की पिटाई मामले ने अखिलेश के ट्वीट के बाद राजनीति गरमा गई है।
अखिलेश ने ट्वीट करके प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया है। रिटायर्ड सैनिक की पिटाई के मामले में पकड़ा तूल,
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्विट कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और लिखा है की
सेना में मेडल पाए एक फ़ौजी के साथ उप्र में जैसा हिंसक व्यवहार किया गया है वो घोर आपत्तिजनक और निंदनीय है। मुख्यमंत्री जी कम-से-कम फ़ौजियों के सम्मान में तो न्याय करें। देखना है पूरा थाना सस्पेंड होता है या फिर उस पर बुलडोज़र चलाया जाता है। उधर भूतपूर्व सैनिकों के संगठन ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पीड़ित सैनिक को न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। बच्चों के बीच हुआ मामूली झगड़ा इतना बढ़ जाएगा ये किसी ने सोचा नही था।
बता दें की 31 अक्टूबर की शाम डलमऊ कोतवाली क्षेत्र का रहने वाला चाहत सिंह अपने दोस्तों के साथ पटाखे खरीदने मार्किट गया था वही पर उसका शनि सोनकर और उसके साथियों से विवाद हो गया। पुलिस दोनों पक्षो को घुरवारा चौकी ले आयी थीं। मारपीट की सूचना पर दोनों पक्षो के परिजन भी चौकी पहुंच गए। चाहत सिंह को ज्यादा चोट लगी थी और उसे मेडिकल के लिए पुलिस नही ले जा रही थी। इस बात को लेकर चाहत सिंह के पिता रिटायर्ड फौजी इंदल सिंह की चौकी प्रभारी हिमांशु मालिक से बहस हो गई। आरोप है कि उसके बाद हिमांशु मालिक और अन्य पुलिस कर्मियों ने इंदल सिंह का बयान लेने के बहाने उसे एक कमरे में बंद करके उसे बुरी तरह मारा पीटा।
पुलिस ने एक तो रिटायर्ड फौजी को मारा पीटा उसे यातनाएं दी और उल्टा उन्ही पर मुकदमा दर्ज कर दिया। डलमऊ पुलिस ने इंदल सिंह सहित उनके परिवार के छह लोगों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया। उसके अलावा दूसरे पक्ष शनि सोनकर पर भी मकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है।
संजीव कुमार सिन्हा- अपर पुलिस अधीक्षक रायबरेली ने बताया कि दो लोगों की आपस में मारपीट की सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों लोगों को चौकी पर ले गए वही चाहत सिंह के भाई रिटायर्ड फौजी इंदल सिंह भी अपने साथियों के साथ पहुंचे और पुलिस से मारपीट करने लगे जिसे पुलिस ने सभी छह लोगों को गिरफ्तार कर संबंधित धाराओं में जेल भेज दिया है ।