डलमऊ गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने डलमऊ गंगा तट पर आस्था की डुबकी लगाई तथा स्नान घाटों के पास स्थित देवी देवताओं के मंदिरों में पहुंचकर विधिवत पूजा अर्चना की स्नान घाटों पर श्रद्धालुओं ने विशाल मंत्रोच्चारण के साथ हवन पूजन किया| बुधवार को गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाई तथा स्नान घाटों के पास स्थित देवी देवताओं के मंदिरों में पहुंचकर विधिवत पूजा अर्चना की इसके पश्चात श्रद्धालुओं के साथ साथ बड़े मठ के शिष्यों ने अपने गुरु स्वामी देवेंद्रानंद गिरि की विधिवत पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया| गुरु पूर्णिमा पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं ने एक दिन पूर्व ही अपने तीर्थ पुरोहितों एवं गंगा तटों पर पहुंचकर अपना अपना डेरा डाल लिया था |सबसे अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ बड़े मठ और छोटे मठ पर रही| श्रद्धालुओं ने गंगा घाटों पर रात्रि में ढोल मजीरो की धुन में भक्ति गीतों के साथ जागरण किया प्रातः काल होने पर श्रद्धालुओं ने गंगा नदी के अंदर हर हर गंगे के जयकारों के साथ नदी में स्नान करना प्रारंभ कर दिया था| सुबह 8 बजे से लेकर 10 बजे तक स्नान घाटों पर श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ रही जो धीरे-धीरे कम होती गई दोपहर 2:00 बजे के बाद स्नान घाटों पर सन्नाटा पसरने लगा था|
इन घाटो पर रही जबरदस्त भीड
डलमऊ कस्बे के सड़क घाट, वीआईपी घाट , रानी शिवाला घाट, संकटमोचन, घाट पक्का घाट, बरूड्डा घाट ,छोटा मठ घाट, बड़ा घाट पर श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ रही । वैसे तो डलमऊ ऐतिहासिक धार्मिक नगरी प्रत्येक माह पूर्णिमा मेला लगता है हर पूर्णिमा का अपना अलग महत्व है गुरु पूर्णिमा उनमे से एक है श्रद्धालुओं इस पूर्णिमा पर अपने अपने गुरूओ से गुरू मंत्र भी लेते हैं, उक्त स्नान घाटों पर परंपरागत श्रद्धालु स्नान किया। गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर स्नान करने के लिए श्रद्धालु विभिन्न क्षेत्रों एवं जनपदों से आए हुए थे, जिसके चलते स्नान घाटों पर श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ लगी रही, कस्बे के मियां टोला में श्रद्धालुओं द्वारा लाए गए वाहनों के लिए अस्थाई वाहन स्टैंड की व्यवस्था की गई थी।