लालगंज-रायबरेली। गौवंशों की परवरिश के लिए मुख्यमंत्री के निर्देशों का कोई असर नहीं है। नगर पंचायत से लेकर गांवों तक गौवंशों का बुरा हाल है। जिम्मेदार चारा उपलब्ध कराना तो दूर बीमार व घायल गौवंश दर-दर भटक रहे हैं। पशु चिकित्साविभाग भी महज तमाशबीन बना हुआ है। नगर पंचायत लालगंज के तमाम गौवंश खुर पकने व उसके सड़ने से ग्रसित हैं। जिनकी दुर्गन्ध से राहगीर परेशान हैं। लोगों को नाक में रूमाल रखकर इन गौवंशों के पास से गुजरना पड़ता है। भूख की वजह से गौवंश भयंकर परेशान होने के बावजूद भी लंगड़ाकर दर-दर भटक रहे है। असहनीय पीड़ा से व्यथित गौवंशों का स्वभाव भी धीरे-धीरे उग्र हो रहा है। नगर पंचायत व नगर पालिका नियमों के अनुसार ऐसे आवारा पशुओं के इलाज व उनके पालन पोषण की सम्पूर्ण जिम्मेदारी नगर पंचायत प्रशासन की होती है। प्रदेश सरकार ने गौवंशों की सेवा के लिये नगर पंचायतों में गौशाला निर्माण हेतु आदेश पारित किया था, जमीन व धन उपलब्ध करवाया तथा जानवरों को पकड़ने के लिये गाड़ियां तक उपलब्ध करवायी। इसके बावजूद भी नगर के गौवंशों का हाल देखा नहीं जाता।लोगों ने कहा है कि योगी सरकार में गौवंशों की यह दुर्दशा शर्मनाक है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी गौवंशों का बुरा हाल है। न तो ग्राम पंचायतें और न ही पंचायत विकास अधिकारी गौवंशों की परवरिश के लिए जारी मुख्यमंत्री के आदेश को मान रहे हैं। गांवों में भूखे गौवंशों किसानो की लाठियां खा घायल हो रहे हैं। नगर पंचायत प्रशासन से अनुरोध है कि नगर क्षेत्र के अन्तर्गत ऐसे समस्त जानवरों का समुचित इलाज करवाये जाने व उनके भरण पोषण हेतु आवश्यक प्रबन्ध करने का कष्ट करे।
पत्रकार: सर्वोदय मौर्य