रायबरेली:मेडिकल स्टोर संचालकों ने आपदा को अवसर समझकर ग्राहकों से वसूल रहे मनमानी रकम

खीरों रायबरेली। जहां कोरोनावायरस उत्तर प्रदेश में चारों तरफ हाहाकार मचा रखा है, सरकारी तंत्र दवा और ऑक्सीजन का रोना रो रहा हैं। वही मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा गरीब, बेबस और लाचार लोगों से आपदा को अवसर में बदल कर अपनी जेबें भर रहे हैं। कीमत से अधिक मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा दवाएं बेची जा रही हैं। यही नहीं मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा खीरों क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग से साठगांठ कर मेडिकल स्टोरों पर सरकारी दवा धड़ल्ले के साथ बेची जा रही है। सरकारी तंत्र इस महामारी में निर्लज्ज और बेशर्म होकर देख रहा है। एक ऐसा ही मामला खीरों विकास खण्ड के सेमरी चौराहे का है। जहां पर मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा नॉट फॉर सेल की दवाएं धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। वैश्विक महामारी कोरोना से संपूर्ण भारत में तबाही और हाहाकार मचा है। वहीं मेडिकल स्टोर संचालको ने इस आपदा को अवसर मानकर दवाएं दोगुने रेट पर और सरकारी दवाएं बेची जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सेमरी चौराहा में मेडिकल स्टोर पर जब कोई अच्छी दवा की डिमांड करता है। तो मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा रात 10 बजे के बाद आने की बात कहता है। जब रात 10 बजे के बाद ग्राहक मेडिकल स्टोर पर पहुचता है तो मेडिकल स्टोर संचालक सरकारी दवाएं ग्राहक को दी जाती है। इससे यह साफ जहिर हो रहा है कि सरकारी तंत्र से सांठगांठ करके सरकारी दवाएं ( नॉट फॉर सेल) की मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा बेची जा रही हैं। सरकारी तंत्र की जो दवाएं जब मेडिकल स्टोर में बिक रही हैं। मेडिकल स्टोरों पर नॉट फार सेल की दवा बिकने के पीछे कमीशन का खेल है। जो दवा सरकारी अस्पताल में मुफ्त में मरीजों को वितरण के लिए आती है। उस दवा को चिकित्सक मेडिकल स्टोर स्वामियों को दे देते हैं। इसके एवज में उन्हें भारी कमीशन मिलता है। मेडिकल स्टोर पर नॉट फार सेल की दवा बिकने का धंधा जोरों पर चल रहा है। जिसके चलते जरूरत मंद मरीजों को सरकारी अस्पताल में दवा नहीं मिल रही।
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