डलमऊ रायबरेली- एक ओर जहां सरकार अधिक से अधिक पेड़ लगाकर वातावरण को संतुलित करने का प्रयास कर रही है 1 दिन में लाखों पेड़ लगाकर रिकॉर्ड बनाया जा रहा है वहीं पर डलमऊ के वन विभाग के कर्मियों की मिलीभगत से रातों-रात सैकड़ों प्रतिबंधित पेड़ों को काट दिया जाता है किसी को कानों कान खबर नहीं लगती ठेकेदार वन कर्मियों की मिलीभगत से लगभग 1 सप्ताह में रातों-रात आम नीम महुआ जामुन के प्रतिबंधित सैकड़ों पेड़ काट डाले गए जब इसकी सूचना ग्रामीणों के माध्यम से उच्च अधिकारियों तक पहुंची तो हड़कंप मच गया वन विभाग के एक चर्चित बाबू ने मामले को रफा-दफा करने का भी प्रयास किया लेकिन नाकाम रहे फिलहाल ठेकेदार का कहना है कि सबकुछ वन विभाग की मिलीभगत से हुआ है पेड़ के मालिक का कहना है कि उन्होंने ठेकेदार को पेड़ बेच दिए थे फिलहाल इतनी बड़ी संख्या में काटे गए प्रतिबंधित पेड़ों का ठीकरा अब जिम्मेदार एक दूसरे पर
मठ कर मामले में अपना पल्ला झाड़ रहे विकासखंड डलमऊ के उबरनी में 1 सप्ताह के अंदर रातों-रात आम नीम महुआ जामुन के सैकड़ों प्रतिबंधित पेड़ काट दिए गए कई ट्रक लकड़ी मौके से गायब भी कर दी गई यहां तक कि पुलिस व वन विभाग के कर्मचारियों को इसकी कानो कान खबर तक न लगी रातो रात हो रहे इतनी बड़ी कटान को लेकर जब आसपास के ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की तब तक सब कुछ समाप्त हो चुका था फिलहाल बड़ी संख्या में काटे गए प्रतिबंधित पेड़ों को लेकर क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है डलमऊ स्थित वन विभाग के कार्यालय के एक चर्चित बाबू की मिलीभगत से ठेकेदारों ने जिले के आला अधिकारियों के आदेशों को दरकिनार करते हुए पर्यावरण पर सीधा प्रहार कर दिया यही नहीं पेड़ों की कटान को छिपाने के लिए मौके से सबूत भी मिटाने का प्रयास किया गया सूचना पर जब वन विभाग के एक फॉरेस्टर मौके पर जांच करने पहुंचे तो देख कर भौचक्के रह गए काटे गए पेड़ों की सही गिनती का भी अंदाजा नहीं लगा सके फिलहाल इस संबंध में जब डीएफओ रायबरेली से बात की गई तो उन्होंने मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है ।
डलमऊ संवाददाता-योगेन्द्र मौर्य