जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में की। एआरटीओ से विद्यालयो में चल रहे वाहनों की जानकारी लेते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जनपद में कोई भी वाहन अनफिट नहीं चलना चाहिए। डीआईओएस एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी से कहा कि जिन विद्यालयो में बस चल रही है वहाँ पर समिति का गठन कर उन्हें निर्देशित किया जाए कि वाहनों की नियमित रूप से जाँच कराई जाए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि ओवर लोडिंग वाहनों की समय समय पर चेकिंग की जाए। हिट एवं रन मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाए और प्रभावित को शीघ्र मुआवजा का उपलब्ध कराया जाए। ब्लैक स्पॉटो को चिन्हित कर उनकी मरम्मत करने, ट्रैफ़िक और गति सीमा संकेतक चिन्हों को लगाए जाए। स्पीड ब्रेकरों का निर्माण करते समय मानक का पूरा ख्याल रखा जाए जिससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।
बैठक में पुलिस, लोक निर्माण, प्रवर्तन, नगर पालिका, शिक्षा और परिवहन विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
एनकार्ड की बैठक संपन्न
जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने नशा मुक्ति अभियान को सफल बनाने के लिए विभागीय अधिकारी को निर्देश दिया की दवा विक्रेताओं और सामाजिक संस्थाओं से सहयोग लिया जाए। जो भी संदिग्ध व्यक्ति,संस्था नशीली दवाओं के निर्माण में संलिप्त है उन पर कार्रवाई की जाए। अवैध शराब निर्माण के संबंध में जिला आबकारी अधिकारी से जानकारी लेते हुए उन्हें निर्देश दिया कि अवैध शराब निर्माण करने वालो पर कड़ी कार्रवाई की जाए। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिया कि जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों और नागरिकों को नशा मुक्ति के लिए जागरूक किया जाए। विद्यालयों में विद्यार्थियों को नियमित रूप से नशा मुक्ति शपथ दिलाई जाए। स्वास्थ्य विभाग को निर्देश की नशा मुक्ति केन्द्रों पर जरूरी औषधियां अवश्य रखी जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि नशा नाश की जड़ है। जिससे व्यक्ति का आर्थिक, शारीरिक व सामाजिक नुकसान होता है एवं नशे की लत के कारण अनेक गंभीर बीमारियां होती है जिससे प्रदेश और सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनपद को नशा मुक्त कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए।