महराजगंज/रायबरेली: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्टों में से एक गोवंश संरक्षण के लिए बनाई गई योजना का दिवाला पिट गया है। जबकि जिला पंचायत रायबरेली द्वारा निर्मित जमादार का पुरवा मजरे बावन बुजुर्ग बल्ला में बनी गौशाला में भूख और चारे तथा बगैर टीन शेड के रह रहे जानवर दम तोड़ते जा रहे हैं। इसी क्रम में मंगलवार को गौशाला में 3 गोवंश पशुओं की भूख प्यास और धूप से तड़प-तड़प कर मौत हो गई। जबकि 2 गायें मरणासन्न हालत में पड़ी हुई है। इनकी देखरेख करने वाले लोग समय से वेतन ना मिलने का ताना देते हुए अपनी जिम्मेदारियों से कतरा रहे हैं। पूरी गौसाला में अधिकतर जानवर इतने कमजोर हो गए हैं कि, इनका ज्यादा दिन जिंदा रहना मुश्किल दिखता है। मामले में जानकारी होने पर भाजपा के क्षेत्रीय विधायक राम नरेश रावत गौशाला पहुंचे और वहां की अव्यवस्था को देखकर काफी नाराज हुए। उन्होंने पूरे मामले से फोन पर ही जिलाधिकारी रायबरेली को जानकारी दे दी है, और कहा है कि, गोवंशों की इस दुर्दशा को तत्काल प्रभाव से रोका जाए।
आपको बता दें कि, जिला पंचायत द्वारा निर्मित इस गौशाला में तकरीबन ढाई सौ गोवंश पशु इस समय है। जबकि धूप और गर्मी से बचाव के लिए महज दो तीन सेट ही डाले गए हैं। जानवरों के चारा और पानी का भी सही इंतजाम नहीं है। बने 2 शेडो में तगड़े जानवर जाकर आश्रय ले लेते हैं। वहीं कमजोर पशुओं को खुली धूप में बाहर बैठना या खड़ा होना पड़ता है। जिससे उनकी सेहत अक्सर बिगड़ा करती है।
मंगलवार को जानकारी मिली कि, सुबह सुबह 3 गोवंश मर चुके हैं, और दो मौत के मुहाने पर हैं। यह जानकारी जैसे ही मीडिया को पता चली संचालकों ने आनन-फानन मरे हुए तीनों पशुओं को मौके से हटाकर एक बड़े गड्ढे जिसमें पानी भरा हुआ था, उसमें फतवा दिया गया, और दो जानवर खुली धूप में जीवन की आखिरी सांस गिन रहे हैं।
उधर मामले की सूचना जब क्षेत्रीय विधायक राम नरेश रावत को मिली तो वह तत्काल वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रभात साहू को साथ लेकर मौके पर पहुंच गए, तो वहां पशुओं की दुर्दशा देखकर वह हतप्रभ रह गए। पशुओं के लिए ना तो पर्याप्त हरे चारे का प्रबंध था, और ना ही पेयजल की कोई समुचित व्यवस्था थी। जानवर टीन शेड में जो मौजूद थे, उनकी भी हालत खस्ताहाल थी। अधिकांश जानवर मैदान में खुली धूप में इधर-उधर बैठे मिले। विधायक ने तत्काल जिलाधिकारी रायबरेली को फोन लगाया और कहा कि, यहां पर जानवरों की छाया के लिए कम से कम दो टीन सेड तत्काल बनवाए जाएं, तथा हरे चारे और इनके लिए पौष्टिक आहार की व्यवस्था भी कराई जाए।
साथ ही विधायक ने केंद्र संचालक के साथ-साथ पशुओं के स्वास्थ्य रक्षा के लिए जिम्मेदार डॉक्टर को भी अपनी जिम्मेदारी से खरे नहीं उतर रहे हैं, इसकी भी व्यवस्था देखी जाए। विधायक के अनुसार जिलाधिकारी ने पूरे प्रकरण की जांच कर शीघ्र ही जिला पंचायत द्वारा अतिरिक्त शेडों के निर्माण का भरोसा दिलाया। वहीं क्षेत्र भर में गोवंशों की हो रही लगातार मौत पर लोगों में आक्रोश पनप रहा है।
आपको यह भी बता दें कि, लगभग 6 माह पहले अपनी बदइंतजामी और लगातार जानवरों की हुई मौतों के बाद यह गौशाला चर्चा में आई थी, और डीएम, सीडीओ तक ने यहां का दौरा किया था। एक बात यह भी उभर कर सामने आई है कि, यहां कार्यरत केंद्र संचालक का कहना है कि, जब उसे ही मौके पर वेतन नहीं मिलता है, तो वह कैसे केंद्र का संचालन करें।