रायबरेली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक है और जिसको लेकर चुनाव आयोग भी सख्त दिखाई दे रहा है लेकिन जनपद में राजनीतिक पार्टियों ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने में लगी हुई है। चुनाव आयोग ने कोरोना महामारी को देखते हुए जनसभा, नुक्कड़ सभा और तमाम भीड़ भाड़ एकत्र करने वाले राजनैतिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है। जिसको लेकर अब प्रत्याशी अपने-अपने तिकड़म से प्रचार-प्रसार करने में लग गए हैं। प्रत्याशियों का हाल है यह हो गया है कि उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन करने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।ताजा मामला बछरावां विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अपना प्रचार प्रसार कर रहे हैं सुशील पासी का है। सुशील पासी के वाहनों पर लगा पोस्टर देखा जा सकता है। जो कि सड़कों पर बेधड़क घूम रहा है। जिससे क्षेत्र की जनता भी प्रभावित हो रही है साथ ही साथ चुनाव आयोग के निष्पक्ष चुनाव कराने की मंशा पर भी सवाल उठने लगे हैं। जनता का कहना है कि अब चुनाव आयोग को ही यह तय करना है कि जिले में निष्पक्ष और निर्भीकता से मतदान कैसे हो। इसके लिए वह अपना कौन सा अगला कदम उठाती है ? जिससे कि इस तरह चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों की अवहेलना करने वाले नेताओं को सबक मिल सके। कुछ लोगों ने तो यह भी कहा कि चुनाव आयोग को चाहिए कि इन पर 2022 के विधानसभा चुनाव लड़ने से सीधे-सीधे रोक लगा दी जाए। जिससे कि अन्य नेताओं के भी समझ में आ जाए कि चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन करने पर क्या सजा मिल सकती है ? लेकिन नेता लगातार आचार संहिता का उल्लंघन करते दिखाई देते हैं और चुनाव आयोग केवल नोटिस तक ही सीमित रह जाता है। यही वजह है कि चुनाव आयोग की गाइडलाइनो की लगातार जिले में धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।