लालगंज रायबरेली। ब्लाक प्रमुख पद पर घोषित प्रत्याशी रेखा पांडेय को बदल कर ऊषा सिंह को समर्थन देने पर भाजपा के निष्ठावान एवं पारम्परिक कार्यकर्ताओं को भारी धक्का लगा हैं। उनका कहना है कि जिस तरह से पार्टी में पहली बार दिखाई देने वाली ऊषा सिंह का प्रमुख पद पर समर्थन किया जा रहा है उसी तरह गेगासों के निष्ठावान पार्टी नेता गोलू पांडेय की मां रेखा पांडेय को चुनाव जिता कर पार्टी के शीर्षस्थ नेता लालगंज के प्रमुख पद के इतिहास को बदल सकते थे। भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओें ने कहा कि पिछले कई दशक से गोलू पाण्डेय ने पार्टी की मजबूती के साथ केन्द्र एवं प्रदेश में सत्तासीन रही सरकारों के जनकल्याणकारी कार्यों को जन-जन तक पहुंचा कर भाजपा की नींव को रायबरेली में सुदृढ़ करने का कार्य किया। मगर भाजपा के कुछ नेताओं ने श्री पांडेय के पार्टी के लिए किये गये कार्यों का यही प्रतिफल दिया। स्थानीय संगठन एवं सत्तासीन जनप्रतिनिधियों ने प्रत्याशिता की घोषणा के बाद नामांकन वापस लेने का दबाव बना कर एक तरह से बेइज्जत करने का कार्य किया है। पार्टी के पारम्परिक कार्यकर्ताओं को महत्वहीन कर पार्टी में नये धनाढ़यों को प्रवेश करा उन्हे तरजीह देने की भाजपा में शुरू परम्परा का विरोध करना चाहिए। अब पारम्परिक मतदाताओं को अन्यत्र दल की तलाश करनी चाहिए। बहरहाल, प्रत्याशी बदले की इस कार्रवाई को लेकर भाजपा में दो फाड़ साफ दिखाई देने लगे हैं। वहीं सपा के पूर्व विधायक की पुत्र बधू शिवानी सिंह की भाजपा की नयी घोषित प्रत्याशी ऊषा सिंह से हो गयी है। पूर्व विधायक देवेन्द्र प्रताप सिंह की मिलन सारिता एवं विनम्रता का असर इस चुनाव में उनकी बहू शिवानी सिंह को मिलती दिखाई दे रही है।