लालगंज-रायबरेली। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भले यूपी में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए प्रयासरत हो लेकिन उनकी मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के खिलाफ बागी संगठन पुष्पित और पल्लवित हो रहा है। आजाद कांग्रेस के नाम से बना यह संगठन गांव-गांव अपना अनुषांगिक संगठन खड़ा कर कांग्र्रेस के खिलाफ विरोध का स्वर फॅूक रहा है। जिले में कांग्रेस को तोड़ अपने-अपने दल को मजबूत करने की विभिन्न राजनैतिक दलो के शीर्ष नेताओं राजनैतिक चाल कामयाब होती दिखाई दे रही है। आपको बता दें कि रायबरेली जिले की सरेनी विधानसभा में कांगे्रस का सदैव परचम लहराता रहा है। सांसद श्रीमती सोनिया गांधी को इस विधान सभा से सर्वाधिक मत हासिल होते रहे हैं लेकिन पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं एवं उनके प्रतिनिधि केएल शर्मा की पार्टी की रीढ़ माने जाने वाले कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने का हश्र आज यह है कि कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस की बगावत शुरू कर दी हैै। कांग्रेस के बागी पार्टी नेताओं ने आजाद कांग्रेस का गठन किया। और अब गंाव-गांव महिला संगठन तैयार करना शुरू कर दिया है। आजाद कांग्रेस ने क्षेत्र के मुबारकपुर गांव में महिलाओं की बैठक कर सुरखा तिवारी को ब्लाक अध्यक्ष मनोनीत किया है। सुरेखा तिवारी को लालगंज ब्लाक में महिल संगठन तैयार करने व गांव-गांव पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के प्रति लोगों को जागरूक कर कांग्रेस को कमजोर करने की रणनीति तैयार की जा रही है। बताया गया है कि कांग्रेस का यह बागी संगठन न केवल जिले की सरेनी विधान सभा बल्कि ऊॅचाहार, सदर सहित विभिन्न विधान सभाओं में कांग्रेस के खिलाफ कार्य कर रहा है। आजाद कांग्रेसी बताते हैं कि कार्यकर्ताओ ने कई बाद प्रियंका गांधी से मिल कर जानकारी देने की कोशिश की लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। इससे नाराज बागी कार्यकर्ताओं ने आजाद कांग्रेस का गठन कर कांग्रेस के खिलाफ कार्य करना शुरू कर दिया है। राजनीति विशेषज्ञ जिले में आजाद कांग्रेस के गठन को कांग्रेस के खतरे की घंटी मान रहे हैं। लोगों को मानना है कि इस ओर पिं्रयका गांधी ने ध्यान न दिया तो आजाद कांग्रेस के साथ बढ़ रही लामबंदी इंदिरा गांधी के द्वारा रायबरेली में स्थापित किये गये कांग्रेसी किले को दरकने से कोई रोक नहीं पाएगा।