रायबरेली: प्रदूषण व सीपेज से प्रभावित नाराज ग्रामिणों ने उपजिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर समस्याओं से निजात दिलाने की माँग की

ऊँचाहार, रायबरेली। एनटीपीसी के अरखा ऐश डाइक के प्रदूषण व सीपेज से प्रभावित नाराज ग्रामिणों ने उपजिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर समस्याओं से निजात दिलाने की माँग की है। आरोप है कि शिक़ायत के बाद भी अबतक न ही प्रशासन हरकत में आया है और न ही एनटीपीसी प्रबन्धन हरक़त में आया। एनटीपीसी के अधिकारी भी समस्या पर संजीदा नहीं नज़र आ रहे हैं। अरखा निवासी लगभग एक दर्जन ग्रामीणों ने शुक्रवार को उपजिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर समस्या का से निस्तारण कराने की माँग की है। अरखा स्थित ऐश डाइक से न सिर्फ उड़ती हुई ऐश कातिल बनी हुई है। अपितु घर का खाना और पेयजल दूषित होने के साथ खेत भी बंजर होने लगे हैं साथ ही विभिन्न प्रकार की बीमारी भी ग्रामीणों को अपनी आगोश में ले चुकी है। दमा,टीवी,खाँसी हृदय घात जैसी भयंकर रोगों का दंश झेल रहे हैं यहाँ के ग्रामीण । किशुनी,करसेनी,भपौरा,हरबंधनपुर,पूरेलोधन,बसावन,कोटरा बहादुरगंज,तुला का पुरवा को अपनी आगोश में लेकर बीमारी बाट रही है। इस ऐश डाइक से उड़ती हुई ऐश के कारण न पैदल,साईकल व मोटर साइकिल से चलना दूभर हो गया है। उड़ती हुई ऐश से गाँव के लोगों का जीना दुश्वार हो गया। तो अब बताईये क्या एयर कंडीशन में रहने वाले बड़े बड़े अधिकारी राह सकते हैं इस गाँव में? यह सवाल यहाँ के नेताओं और अधिकारियों से यह यह सवाल है यहाँ की सांसद सोनिया गाँधी से यहाँ के विधायक मनोज कुमार पाण्डेय से यह सवाल है यहाँ के डीएम साहब से यह सवाल विकास का दावा करने वाले सूबे मुखिया योगी आदित्यनाथ से क्या किसी की जवान बहन बेटी इस वजह से बिन ब्याही बैठी रहेगी कि उसका जुर्म मात्र यह कि उसने ऐश डाइक से प्रदूषित गाँव मे जन्म लिया है। आखिर कबतक प्रदूषण में रहेंगे यहाँ ग्रामणी कबतक दूषित पानी पियेंगे आखिर कब तक सीपेज का दंश झेलेंगे और कब रोगों से ग्रषित होते रहेंगे आखिर कब तक प्रदूषण का शिकार होते रहेंगे और उसकी चपेट में आकर अपनी जान गवाएंगे? यह एक बड़ा सवाल है।